वाराणसी में डराने लगी गंगा, घाट किनारे सीढियां और मन्दिर पानी में समाए
गंगा के जलस्तर में बढ़ाव जारी है। गंगा में उफान के कारण घाटों के सीढ़ियों के साथ ही अब घाट किनारे स्थित मंदिर भी डूबने लगे हैं।
वाराणसी: पूर्वांचल सहित उत्तर भारत में हो रही लगातार बारिश का असर दिखने लगा है। प्रमुख नदियां उफान पर हैं। वाराणसी और आसपास के इलाकों मरण गंगा के तटवर्ती इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। गंगा के जलस्तर में बढ़ाव जारी है। जिससे लोगों के माथे पर चिंता की लकीरें दिखने लगी हैं। गंगा में उफान के कारण घाटों के सीढ़ियों के साथ ही अब घाट किनारे स्थित मंदिर भी डूबने लगे हैं। वाराणसी के अस्सी घाट से राजघाट के बीच दो दर्जन से अधिक मंदिर गंगा में डूब गए हैं।
आने वाले दिनों में जारी रहेगा बढ़ाव
वाराणसी में गंगा के जलस्तर में अब तक तीन मीटर से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है। केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक, आने वाले दिनों में बढ़ाव जारी रहेगा। घाट किनारे रहने वाले पुरोहितों ने बताया कि गंगा के जलस्तर में बढ़ाव के कारण घाट किनारे के मंदिर डूब रहे हैं। कोरोना के बाद अब गंगा में बाढ़ के कारण घाट किनारे पूजा पाठ कराने वाले पुरोहितों के सामने फिर रोजी-रोटी संकट खड़ा हो गया।
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नाविक भी परेशान गंगा में उफान के चलते नाविक भी परेशान हैं। लॉकडाउन की मार से नाविक अभी उबर भी नहीं पाए थे कि अब बाढ़ ने इनके जीवन में नई परेशानी खड़ी कर दी।
सीढ़ियों पर हो रहा है शवदाह
गंगा के बढ़ते जलस्तर से शवदाह के लिये आने वाले लोगों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गंगा किनारे के बजाय अब ऊपर की सीढ़ियों या फिर छतों पर शवदाह हो रहा है। दूसरी तरफ लगातार बढ़ते जल स्तर के कारण वाराणसी के तटवर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों को अब बाढ़ का खतरा डर सताने लगा है।
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गंगा में उफान के चलते वरुणा नदी का पानी भी बढ़ने लगा है। वरुणा में बढ़ाव के कारण सरैया,पुरानापूल सहित आधा दर्जन इलाकों में रहने वाले लोगों के माथे पर चिंता की लकीरें दिखने लगी हैं।
रिपोर्ट- आशुतोष सिंह