होलियाना मूड में आई काशी, भक्तों ने बाबा विश्वनाथ के साथ खेली होली

धर्म और आध्यात्म की नगरी काशी में रंगभरी एकादशी का पर्व पूरे उत्‍साह और उमंग के साथ मनाया गया। इसी के साथ काशी में होली महापर्व का शुभारंभ भी हो गया है।

Update:2021-03-25 00:58 IST
धर्म और आध्यात्म की नगरी काशी में रंगभरी एकादशी का पर्व पूरे उत्‍साह और उमंग के साथ मनाया गया। इसी के साथ काशी में होली महापर्व का शुभारंभ भी हो गया है।

वाराणसी: धर्म और आध्यात्म की नगरी काशी में रंगभरी एकादशी का पर्व पूरे उत्‍साह और उमंग के साथ मनाया गया। इसी के साथ काशी में होली महापर्व का शुभारंभ भी हो गया है। बुधवार शाम जैसे ही काशीपुराधि‍पति‍ बाबा श्रीकाशी वि‍श्‍वनाथ अपनी अर्धांगि‍नी मां गौरा का गौना कराके ससुराल से नि‍कले काशी की गलि‍यां रंगों से सराबोर गयीं। रजत पालकी पर सवार देवाधिदेव महादेव और मां पार्वती ने काशीवासियों संग जमकर होली खेली।

बनारस में रंगभरी एकादशी के 357 वर्ष के इतिहास में इस साल यह पहला संयोग था जब महंत के आवास से निकली माता गौरा की पालकी विश्वनाथ धाम के मंदिर चौक पहुंची और वहां से महादेव ने गौरा संग माता गंगा के दर्शन किये।

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सम्‍पूर्ण विश्व के नाथ बाबा वि‍श्‍वनाथ की नगरी में रंगभरी एकदशी के बाद रंग और गुलाल से पूरा महौल होलियाना हो चुका है। वैसे तो काशी में रंगों की छठा शिवरात्रि के दिन से ही शुरू हो जाती है, लेकिन शि‍व की नगरी में एक दिन ऐसा भी रहता है, जब बाबा वि‍श्‍वनाथ खुद अपने भक्तों के साथ होली खेलते हैं। रंगभरी एकादशी के दिन बाबा वि‍श्‍वनाथ की मां गौरी के साथ चल प्रतिमा निकलती है।

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वैसे तो हमारे देश में मथुरा और ब्रज की होली मशहूर है लेकिन रंगभरी एकादशी के दिन साल में एक बार बाबा अपने परिवार के साथ निकलते हैं तो सिर्फ काशी ही नहीं मानों धरती पर भगवान उतर आते हैं और बाबा विश्वनाथ संग होली खेलते हैं।

रिपोर्ट: आशुतोष सिंह

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