वाराणसी: कार्तिक पूर्णिमा पर आस्था की डुबकी, भक्तों ने की ये विशेष प्रार्थना

कार्तिक पूर्णिमा के पावन पर्व पर वाराणसी के घाटों पर आस्था और श्रद्धा का नज़ारा नज़र आया। भोर से ही बड़ी संख्या में दूर-दराज से आये श्रद्धालु काशी के पावन घाटों पर गंगा स्नान के लिए पहुंच गए। कार्तिक मास की पूर्णिमा को गंगा स्नान का विशेष महत्व है। हालांकि कोरोना का असर देखने को मिल रहा है।

Update:2020-11-30 09:58 IST
काशी के घाटों पे कार्तिक पूर्णिमा पर आस्था की डुबकी, भक्तों ने की विशेष प्रार्थना

वाराणसी: कार्तिक पूर्णिमा के पावन पर्व पर वाराणसी के घाटों पर आस्था और श्रद्धा का नज़ारा नज़र आया। भोर से ही बड़ी संख्या में दूर-दराज से आये श्रद्धालु काशी के पावन घाटों पर गंगा स्नान के लिए पहुंच गए। कार्तिक मास की पूर्णिमा को गंगा स्नान का विशेष महत्व है। हालांकि कोरोना का असर देखने को मिल रहा है।

सुबह से लगी भक्तों की भीड़

कोरोना और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन कर मद्देनजर गंगा घाटों पर धारा 144 लागू है। लेकिन आस्था ने सभी बंदिशों को तोड़ दिया। पवित्र मौके पर गंगा में डुबकी लगाने के लिए देर रात से ही भक्त घाटों पर जुट गए। सूर्य की पहली किरण के साथ स्नान-ध्यान का दौर शुरू हुआ। हर कोई मां गंगा में डुबकी लगा कर पुण्य कमाना चाहता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार आज के दिन स्नान करने से विशेष फलदायक है। आज के दिन जो भी भक्त सच्चे मन और विश्वास के साथ मां गंगा में स्नान करते हैं। उनकी सभी मनोकामनाएं ज़रूर पूरी होती हैं।

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स्नान को लेकर ये है मान्यता

पर्वों की नगरी वाराणसी में हर त्यौहार का एक विशेष महत्व है। स्कन्द पुराण की मानें तो आज के दिन स्वर्ग से देवतागण पृथ्वी पर आतें है, इसलिए भोले नाथ की नगरी में मां गंगा में स्नान और पूजन करने से शिव के संग भगवान् विष्णु भी प्रसन्न होतें हैं। इससे भोग और मोक्ष दोनों की प्राप्ती होती है। भक्तों की भारी भीड़ इस विश्वास के साथ ही यहां आई है। पुजारी बालेश्वर तिवारी कहते है कि आज के दिन गंगा स्नान करने के बाद काले तिल और आंवले का दान किया जाता है। उन्होंने बताया कि पूरे कार्तिक मास को ही देवताओं को समर्पित किया गया है लेकिन इस माह में भी सबसे फलदायक तिथि कार्तिक पूर्णिमा की है, क्योंकि आज के ही दिन 33 करोड़ देवी-देवता इस धरा पर प्रकट होते है।

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आशुतोष सिंह

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