Varanasi News: बीएचयू के आईआईटी विभाग में छात्र ने किया सुसाइड, दरवाजा तोड़कर बाहर निकाला गया शव
Varanasi News: साथी छात्रों के दरवाजा पीटने पर भी दरवाजा न खोलने पर शक होने पर छात्रों ने इस बात की सूचना पुलिस को दी, मौके पर पहुंची पुलिस ने छात्रों की मदद से दरवाजा तोड़कर छात्र के शव को निकाला बाहर और पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
Varanasi News: काशी हिंदू विश्वविद्यालय के आईआईटी विभाग के छात्रावास में आईटी के शोध छात्र ने फंदे से लटककर सुसाइड कर लिया। शोध छात्र मुजफ्फरनगर का रहने वाला था और आईआईटी बीएचयू से मैथमेटिक्स में शोध कर रहा था छात्र। बताया जा रहा है कि फेलोशिप बंद होने के डिप्रेशन में छात्र ने सुसाइड किया है। साथी छात्रों के दरवाजा पीटने पर भी दरवाजा न खोलने पर शक होने पर छात्रों ने इस बात की सूचना पुलिस को दी, मौके पर पहुंची पुलिस ने छात्रों की मदद से दरवाजा तोड़कर छात्र के शव को निकाला बाहर और पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
सात महीने पहले ही हुई थी शादी
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार हर नगर का रहने वाला छात्र कुलदीप सिंह बीएचयू के आईआईटी विभाग से शोध कर रहा था। रात करीब 9:00 बजे के आसपास छात्रों ने पुलिस को फोन किया कि कुलदीप के कमरे का दरवाजा शाम 6:00 बजे से नहीं खुला है। छात्रों की छात्रों की सूचना पर मौके पर पहुंची लंका पुलिस ने दरवाजा तोड़कर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। 7 महीने पहले कुलदीप की शादी हुई थी। शादी के बाद से ही कुलदीप डिप्रेशन में रहने लगा। हॉस्टल के छात्रों के अनुसार कुलदीप को आईआईटी विभाग की तरफ से शोध कार्य के लिए फेलोशिप दिया जाता था। फेलोशिप की अवधि पूर्ण होने पर कुलदीप का पैसा आना बंद हो गया था, जिसके चलते वह डिप्रेशन में रहने लगा। कल रात अचानक ही कुलदीप ने यह आत्मघाती कदम उठा लिया।
दिल्ली से कुलदीप ने किया था ग्रेजुएशन
हॉस्टल के छात्रों ने बताया कि कुलदीप दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया था। बेंगलुरु से पीजी करने के बाद कुलदीप शोध के लिए बीएचयू में प्रवेश किया, शोध में कुलदीप को फेलोशिप मिलती थी। पीएचडी के फेलोशिप के लिए कुलदीप को हर महीने 36000 रुपये मिलते थे। अगले महीने कुलदीप का पीएचडी पूरा होने वाला था।