Varanasi News: ज्ञानवापी मामले में एफआईआर दर्ज करने को लेकर दाखिल याचिका पर बहस पूरी, आदेश के लिए पत्रावली सुरक्षित

Varanasi News: स्पेशल सीजेएम कोर्ट अगली तारीख को फैसला सुनाएगा। FIR दर्ज करने वाली याचिका को निचली अदालत ने खारिज कर दिया था।

Update: 2023-07-25 17:17 GMT
Gyanvapi case

Varanasi News: ज्ञानवापी परिसर के अंदर मिले शिवलिंगनुमा आकृति पर भावनाएं आहत करने और भड़काने वालों पर एफआईआर दर्ज करने को लेकर दाखिल याचिका पर आज सुनवाई हुई। जिस पर बहस के बाद स्पेशल सीजीएम की कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया। स्पेशल सीजेएम कोर्ट अगली तारीख को फैसला सुनाएगा। FIR दर्ज करने वाली याचिका को निचली अदालत ने खारिज कर दिया था।

‘हर स्थिति में ज्योतिर्लिंग अपने स्थान पर कायम रहा’

बजरडीहा भेलुपुर के विवेक सोनी और चितईपुर के जयध्वज श्रीवास्तव के 156(3) सीआरपीसी के तहत प्रार्थना पत्र पर अधिवक्ता देशरत्न श्रीवास्तव, नित्यानन्द राय ने मंगलवार को बहस की। कोर्ट को बताया कि द्वादश ज्योतिर्लिंग मे प्रमुख काशी विश्वनाथ मंदिर अनादि काल से काशी में स्थित है, ज्योतिर्लिंग को प्राण प्रतिष्ठा करने के उपरांत स्थापित किया गया था। जो जीवित स्वरुप है और उसका कभी विध्वंस नहीं हुआ है। बल्कि मात्र मंदिर के स्वरुप को क्षतिग्रस्त किया गया था तथा मंदिर के मलबे से ही कथित मस्जिद के भवन का स्वरूप बनाया गया। हर स्थिति में ज्योतिर्लिंग अपने स्थान पर कायम रहा है।

कुछ अज्ञात लोगों ने जो औंरगजेब के धर्म के लोग के मानने वाले हैं, ज्योतिर्लिंग को कूप बनाकर ढकने के उपरांत एक पोखरी का निर्माण कर वजू का स्थान असंवैधानिक तरीके से बना दिया। काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग को नुकसान हिंदू भावना भड़काने, शिवलिंग के ऊपरी भाग में सिमेन्टनुमा पदार्थ जमाकर शिवलिंग को ड्रिलिंग मशीन से छेदकर फव्वारा का रुप देने का प्रयास किया गया। जिससे हिंदू जनभावनाएं आहत हुई। इस प्रकार हिंदू भावनाएं भड़का कर मुस्लिम समुदाय के अज्ञात लोगों द्वारा दंगा कराने का प्रयास किया गया है। घटना की सुचना 3 जनवरी 2023 को पुलिस को दी गयी लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुयी।

निचली अदालत ने किया था खारिज

निचली अदालत ने 156(3) प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया तो ऊपरी अदालत में रिविजन फाइल हुआ। विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट द्वितीय अनुभव द्विवेदी की अदालत ने ज्ञानवापी मामले मे दाण्डिक पुनरीक्षण याचिका स्वीकार कर ली है। निचली अदालत के उस आदेश को निरस्त कर दिया जिसमे एफआईआर दर्ज करने के प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया गया था। मंगलवार को ऊपरी अदालत के आदेश पर पुन: स्पेशल सीजेएम की अदालत मे बहस हुयी। अदालत ने बहस सुनकर आदेश के लिये पत्रावली सुरक्षित कर ली।

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