Varanasi News: पूर्वांचल के फल और सब्जियां ही नहीं, बल्कि उसके पत्ते और फूल भी हुए निर्यात
Varanasi News: पूर्वांचल के केले के फल फूल और पत्तों का स्वाद पहली बार दुबई के शेख चखेंगे, गाज़ीपुर से पहली बार इसकी खेप यूनाइटेड अरब अमीरात निर्यात हुई।
Varanasi News: योगी सरकार में पूर्वांचल के फल और सब्जियां ही नहीं बल्कि उसके पत्ते और फूल भी निर्यात होने लगे हैं। पूर्वांचल के केले उसके पत्ते व केले के ही फूल का स्वाद पहली बार दुबई के शेख चखेंगे। गाज़ीपुर से पहली बार इसकी खेप यूनाइटेड अरब अमीरात निर्यात हुई। वाराणसी के लाल बहादुर शास्त्री इंटरनेशनल एयरपोर्ट से एपीडा (APEDA) के चेयरमैन अभिषेक देव वर्चुअली फ्लैग ऑफ करके कंसाइनमेंट को रवाना किए। केला ज्यादातर दक्षिण भारत से निर्यात होता है। अब पूर्वांचल के किसान भी विदेशों के बाजार में अपनी जगह बना रहे हैं। पिछले साल अगस्त महीने के मुकाबले इस वर्ष अगस्त में 10 मीट्रिक टन निर्यात में वृद्धि हुई है ।
सरकार के प्रयास से पूर्वांचल के किसानों के बहुरे दिन
केले का फल, फूल और पत्ते ज़्यादातर दक्षिण भारत से निर्यात होते हैं। योगी सरकार की नीतियों और किसानों की मेहनत से अब पूर्वांचल का केला उसके पत्ते और फूल विदेशों में पैठ बनाने लगे हैं। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की मदद से एपीडा फलों और सब्जियों को विदेशी बाजार उपलब्ध करा रहा है। गाज़ीपुर का केला अपने पत्तों और फूलों के साथ विदेश की सैर करेगा। वाराणसी स्थित एपीडा के क्षेत्रीय कार्यालय के उप महाप्रबंधक ने बताया कि पहली बार पूर्वांचल के गाज़ीपुर के केले के फल, फूल और पत्ते निर्यात हो रहे हैं जबकि पहले ये दक्षिण भारत से ही निर्यात होता था। इसके अलावा अमड़ा, करौंदा, भिंडी और परवल भी यूनाइटेड अरब अमीरात के लिए निर्यात हुए हैं।
51 मीट्रिक टन सब्जियों का हुआ निर्यात
अगस्त 2022 में 81 मीट्रिक टन सब्जी और फल वाराणसी एयरपोर्ट से निर्यात हुए थे जबकि इस वर्ष अगस्त 2023 में 10 मीट्रिक टन निर्यात बढ़ कर 91 मीट्रिक टन हो गया है। कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA) ने वर्ष 2020 में वाराणसी में कार्यालय खोलकर राज्य सरकार की मदद से निर्यात को बढ़ाया है। एपीडा ने कोरोना काल में अप्रैल 2020 में पहली बार ब्रिटेन हरी मिर्ची भेजी थी। अब पहली बार अमड़ा और करौंदा खाड़ी देशों के लिए निर्यात किया गया था। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार का किसानों की आय दोगुनी करने का सपना तेजी से साकार हो रहा है। किसान उधमी बनाने के साथ ही निर्यातक भी बन रहे हैं।