Gyanvapi Case: ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले में कोर्ट का बड़ा फैसला, सात मुकदमों की एक साथ होगी सुनवाई

Gyanvapi Case: वाराणसी जिला कोर्ट ने ज्ञानवापी मामले को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर 7 मामलों की सुनवाई एक साथ की जाएगी। जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने ये फैसला सुनाया।

Update:2023-05-23 19:03 IST
ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी (सोशल मीडिया)

Gyanvapi Case: वाराणसी जिला कोर्ट ने ज्ञानवापी मामले को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर 7 मामलों की सुनवाई एक साथ की जाएगी। जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने ये फैसला सुनाया। जनपद न्यायाधीश ने ज्ञानवापी प्रकरण में सात मुकदमों को एक ही प्रकृति का बताते हुए क्लब करने का आदेश दे दिया। बता दें कि मस्जिद परिसर के अंदर वजूखाने में मिले कथित शिवलिंग की नियमित पूजा और इसी तरह के सात मुकदमों को क्लब करने को लेकर मांग की गई थी। इस मामले में बहस पहले ही पूरी हो चुकी थी, आज अदालत ने अपना फैसला भी सुना दिया।

चार महिलाओं की याचिका पर कोर्ट ने सुनाया फैसला

ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी से मामले से जुड़ी चार महिलाओं ने वाराणसी जिला अदालत में याचिका दाखिल कर कहा था कि ये सातों मुकदमें एक ही प्रकार के हैं और एक ही मामले से जुड़े हुए हैं। लेकिन सभी की सुनवाई वाराणसी में ही अलग-अलग अदालतो में चल रही है। इससे मतभेद और भ्रम की स्थिति बनती है। यह न्यायिक प्रक्रिया के लिए उचित नहीं हैं। वाराणसी कोर्ट में काफी पहले ही सुनवाई पूरी हो चुकी थी। जिसका काफी समय से इंतजार किया जा रहा था, जिस पर आज कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए सभी सातों मामलों को क्लब करने का फैसला सुना दिया।

कोर्ट के फैसलो को मुस्लिम पक्ष हाईकोर्ट में देगा चुनौती

वाराणसी कोर्ट के फैसले के दौरान मस्जिद पक्ष के दावेदारों ने काफी विरोध किया। साथ ही कहा कि वाराणसी कोर्ट के फैसला को वह हाईकोर्ट में चुनौती देंगे। हालांकि पिछले दिनों सातों मामलों को कल्ब करने पर जब सुनवाई चल रही थी उस दौरान भी मुस्लिम पक्षकारों ने काफी विरोध किया था।

जानकारी के मुताबिक अगस्त 2021 में पांच महिलाओं ने स्थानीय कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। दायर की गई याचिका में मांग की गई थी कि मां श्रृंगार गौरी स्थल पर नियमित पूजा करने का अधिकार दिया जाए। अप्रैल 2022 में सीनियर डिवीजन की कोर्ट ने मस्जिद परिसर में सर्वेक्षण करने का आदेश दिया था। मई में सर्वेक्षण पूरा हो गया था। इसी दौरान वजू वाली जगह पर शिवलिंग मिला था, लेकिन मुस्लिम पक्ष का कहना है कि वह फव्वारा है।

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