Varanasi News: आस्था के संग दिखे जल संरक्षण के रंग, तिरंगा लेकर कांवरियों ने लिया गंगा को बचाने का संकल्प

Varanasi News: शिवनगरी काशी में सावन के प्रथम सोमवार के पहले मां गंगा का तट गंगा जल संरक्षण के नारों से गूंज उठा। रविवार को भगवान शिव के परम प्रिय मास सावन में उनके दर्शन पूजन व गंगाजल से अभिषेक कर उन्हें प्रसन्न करने की चाह लिए केसरिया धारी शिव भक्तों को नमामि गंगे ने गंगा जल संरक्षण का संकल्प दिलाया।

Update: 2023-07-09 09:17 GMT

Varanasi News: शिवनगरी काशी में सावन के प्रथम सोमवार के पहले मां गंगा का तट गंगा जल संरक्षण के नारों से गूंज उठा। रविवार को भगवान शिव के परम प्रिय मास सावन में उनके दर्शन पूजन व गंगाजल से अभिषेक कर उन्हें प्रसन्न करने की चाह लिए केसरिया धारी शिव भक्तों को नमामि गंगे ने गंगा जल संरक्षण का संकल्प दिलाया। गंगा सेवी शिव भक्तों ने मां गंगा की आरती उतारकर स्वच्छता में भी हाथ बंटाया। नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला ने गंगा स्वच्छता का आह्वान करते हुए सभी को जागरुक किया।

प्लास्टिक का उपयोग न करने के लिए शपथ

राष्ट्रीय नदी गंगा की स्वच्छता हेतु राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा लेकर सभी कांवरिए संकल्पबद्ध हुए। उन्हें सिंगल यूज़ प्लास्टिक का उपयोग न करने के लिए शपथ दिलाई गई। राष्ट्र के अभिमान गंगा की स्वच्छता की अपील की गई। संयोजक राजेश शुक्ला ने कहा कि जल की महत्ता दर्शाता यह पर्व सामाजिक सरोकार से जुड़ा हुआ है। प्रतीकात्मक तौर पर कांवर यात्रा का संदेश है कि आप जीवनदायिनी नदियों के लोटे भर जल से जिस भगवान शिव का अभिषेक कर रहे हैं, वे शिव वास्तव में सृष्टि का ही दूसरा रूप हैं। धार्मिक आस्थाओं के साथ सामाजिक सरोकारों से रची कांवर यात्रा वास्तव में जल संचय की अहमियत को उजागर करती है। कांवर यात्रा की सार्थकता तभी है जब आप जल बचाकर और नदियों के पानी का उपयोग कर अपने खेत खलिहानों की सिंचाई करें, पेड़ पौधों, पशु पक्षियों और पर्यावरण को पानी उपलब्ध कराएं तो प्रकृति की तरह उदार शिव सहज ही प्रसन्न होंगे। आयोजन में प्रमुख रूप से नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला, अभिनव हरबोला, सत्येंद्र शर्मा, सुमित दुबे, सुभाष यादव व सैकड़ों की संख्या में कांवरिया बंधु उपस्थित रहे ।

घाटों की स्वच्छता के लिए चला रखी है मुहिम

नमामि गंगे की टीम घाटों की स्वच्छता को लेकर लोगों को जागरूक करने का काम करती है। साथ ही गंगा की जलधारा को प्रदूषित होने से भी बचाती है। ये टीम सिंगल यूज प्लास्टिक को लेकर कांवरियों को सचेत कर रही है। जल संचयन के महत्व को समझा रही है। वाराणसी के 84 घाटों की सफाई की जिम्मेदारी नमामि गंगे के कंधों पर है।

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