आखिरकार अयोध्या में क्यों जुटाई जा रही भीड़, हिंदुवादी संगठनों का क्या है मकसद?

सुप्रीम कोर्ट के अयोध्या राम मंदिर मामले की सुनवाई टालने के आदेश के बाद सियासत दिन ब दिन गरमाती जा रही है। पहले शिवसेना ने 25 नवम्बर को अयोध्या में आर्शीवाद समारोह का आयोजन ठाना और फिर विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने भी उसी दिन अयोध्या में धर्म सभा के आयोजन का एलान कर दिया।

Update:2018-11-23 15:38 IST

लखनऊ : सुप्रीम कोर्ट के अयोध्या राम मंदिर मामले की सुनवाई टालने के आदेश के बाद सियासत दिन ब दिन गरमाती जा रही है। पहले शिवसेना ने 25 नवम्बर को अयोध्या में आर्शीवाद समारोह का आयोजन ठाना और फिर विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने भी उसी दिन अयोध्या में धर्म सभा के आयोजन का एलान कर दिया।

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हिंदुवादी संगठनों के ऐलान पर वर्षों बाद एक बार फिर अयोध्या में लाखों राम भक्तों की भीड़ जुट रही है। पर एक सवाल कौंधता है कि आखिरकार केंद्र और राज्य में भाजपा सरकार होने के बावजूद हिंदूवादी संगठनों को अयोध्या में भीड़ क्यों जुटानी पड़ रही हैं। आखिरकार उनका मकसद क्या है?

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हिंदूवादी संगठन के एक प्रमुख नेता ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा कि यह समझने के लिए हमें अतीत में जाना होगा। 2004 में अटल सरकार ने सेतु समुद्रम परियोजना पर मुहर लगा दी थी। तब राम सेतु तोड़ने के आदेश के विरोध में विहिप ने देश भर के 350 से ज्यादा जिलों में सभाएं की थी। भारत बंद तक हुआ। इसी बीच एक सियासी संयोग घटित हुआ और अटल सरकार गिर गई। पर उस आंदोलन से जुड़ी जनभावनाओं की वजह से बाद में आई सरकारें भी इस परियोजना को आगे बढाने की हिम्मत नहीं जुटा पाईं। हालत यह है कि आज अदालत में मोदी सरकार को यह बताना है कि वह सेतु समुद्रम परियोजना को शुरू करना चाहती है या नहीं। ठीक इसी तर्ज पर अयोध्या में धर्म सभा के आयोजन में भीड़ इकटठी की जा रही है ताकि केंद्र और राज्य सरकारों पर साइकोलाजिकल प्रेशर बनाया जा सके। जब सरकारें देखेंगी कि इतनी बड़ी तादाद में जनभावना इस आंदोलन से जुड़ चुकी है तो मजबूरन उन्हें एक बार फिर घुटने टेकने पड़ सकते हैं। इतना ही नहीं यदि भीड़ उम्मीद से ज्यादा जुट गई तो फिर देश भर में राम मंदिर निर्माण को लेकर सभाएं, आंदोलन और प्रदर्शन तेज होंगे। इसके जरिए जनता की भावनाओं का टेम्प्रेचर भी नापा जा सकता है।

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इस पूरे कार्यक्रम की कमान आरएसएस के हाथ में है। संघ ने अपने सभी संगठनों को इस आयोजन को सफल बनाने के लिए लगा दिया है। सभी सांसद और विधायक भी पूरी तन्मयता से जुटे हैं। संघ सभी संगठनों की समन्वय बैठक भी कर चुका है। जानकारी के मुताबिक धर्म सभा में 2.5 लाख से ज्यादा राम भक्तों की भीड़ इकटठा करने का प्लान है। अयोध्या से सटे जिले जैसे गोंडा से 50 हजार की भीड़ जुटाने का टारगेट दिया गया है। अवध प्रांत के जिलों से 10 हजार और दूर दराज के जनपदों से 5—5 हजार की भीड़ इकटठा करने का जिम्मा पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को सौंपा गया है। जिलावार 100—100 नुक्कड़ सभाएं करने की योजना है।

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