विकास दुबे कांड: हुआ चौंकाने वाला खुलासा, जानकर हो जाएंगे हैरान

पुलिस की तरफ से आगे की जांच में साक्ष्यों की पुष्टि करने का हवाला दिया गया है। अब ऐसे में पुलिस के पास दो विकल्प बचे हैं। अब वो मनु को आरोपी या गवाह बना सकती है।

Update:2020-10-08 09:27 IST
पुलिस की तरफ से आगे की जांच में साक्ष्यों की पुष्टि करने का हवाला दिया गया है। अब ऐसे में पुलिस के पास दो विकल्प बचे हैं।

लखनऊ: कानपुर के बिकरू कांड में अभी आए दिन खुलासे हो रहे हैं। अब इस बीच खबर है कि मनु पांडेय उर्फ वर्षा की भूमिका को लेकर पुलिस ने दोहरा खेल कर दिया है। पुलिस की तरफ से उसको न तो आरोपी बनाया गया है और न ही गवाह। पुलिस ने मनु द्वारा बदमाशों के मंदद करने के प्रयास का जिक्र चार्जशीट में किया हुआ, लेकिन संबंधित मिले साक्ष्यों की पुष्टि नहीं की।

पुलिस की तरफ से आगे की जांच में साक्ष्यों की पुष्टि करने का हवाला दिया गया है। अब ऐसे में पुलिस के पास दो विकल्प बचे हैं। अब वो मनु को आरोपी या गवाह बना सकती है। लेकिन जिस तरह के साक्ष्य मनु के खिलाफ हैं, उसको देखते हुए कहा जा सकता है कि उसे आरोपी बनाए जाने की अधिक संभावना लगती है।

बिकरू में मनु के घर में ही डीएसपी देवेंद्र मिश्र की हत्या की गई थी। उसके घर की चौखट पर तीन अन्य पुलिसकर्मियों के शव पाए गए थे। वारदात के बाद मनु ने पुलिस को गुमराह करने का काम किया था। दो दिन बाद मनु के फोन की कॉल रिकॉर्डिंग एक के बाद एक कई सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थीं। जिसके बाद खुलासा हुआ था कि मनु भी साजिश में शामिल है। लेकिन पुलिस ने उसे आरोपी नहीं बनाया।

मनु (फोटो: सोशल मीडिया)

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ऐसी चर्चाएं थीं उसे गवाह बनाया, लेकिन उसके खिलाफ जो साक्ष्य मौजूद हैं, उससे गवाह बनाना पुलिस के लिए मुश्किल है। पुलिस की चार्जशीट के मुताबिक, मनु के खिलाफ जो साक्ष्य मिले हैं, उससे साबित हो रहा है कि वह घटना में शामिल थी। अभी इन साक्ष्यों की पुष्टि करना बाकी है। इसलिए इसकी विवेचना की जा रही है।

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पुलिस पर सवाल

वारदात के बीते तीन महीने बीत चुके हैं। इसके बावजूद पुलिस कर रही है कि मनु के खिलाफ साक्ष्य तो हैं, लेकिन पुष्टि नहीं हो सकी है। इस पर पुलिस की मंशा पर सवाल खड़े हो रहे हैं। तीन महीने के दौरान आखिर पुलिस साक्ष्यों की पुष्टि क्यों नहीं कर पाई।

पुलिस ने इस मामले में चार महिलाओं को जेल भेज दिया है। चार्जशीट में पुलिस ने कहा है कि जब पुलिसकर्मी जान बचाने को इधर-उधर भाग रहे थे और घरों में जाकर छिप गए तब इन महिलाओं ने फोन के माध्यम से बदमाशों को जानकारी दी थी।

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