पुलिस को क्यों चलानी पड़ी विकास दुबे पर गोली, एडीजी ने बताया एनकाउंटर का सच

एडीजी प्रशांत कुमार शुक्रवार को विकास दुबे एनकाउंटर मामले में जानकारी देने के लिए पत्रकारों के सामने आये। उन्होंने विस्तार से घटना के बारें में पूरी जानकारी दी।

Update: 2020-07-10 09:32 GMT

कानपुर: एडीजी प्रशांत कुमार शुक्रवार को विकास दुबे एनकाउंटर मामले में जानकारी देने के लिए पत्रकारों के सामने आये। उन्होंने विस्तार से घटना के बारें में पूरी जानकारी दी।

एडीजी ने बताया कि इनामी बदमाश विकास दुबे को उज्जैन से गिरफ्तार कर पुलिस और एसटीएफ की टीम शुक्रवार की सुबह कानपुर नगर ला रही थी।

अचानक से कानपुर नगर भौंती के पास पुलिस की गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त होकर पलट गई। इस दौरान गाड़ी में सवार विकास दुबे और पुलिसकर्मी जख्मी हो गए।

तभी विकास दुबे ने घायल पुलिसकर्मी की पिस्टल छीन कर भागने लगा। इस दौरान पुलिस टीम ने उसे घेर कर सरेंडर करने के लिए कहा, लेकिन वह इसके लिए तैयार नहीं हुआ और पुलिस टीम पर गोलियां बरसाने लगा।

पुलिस ने अपनी रक्षा में उसके ऊपर फायरिंग की। जिसमें कि विकास दुबे जख्मी हो गया। उसे आनन-फानन में हॉस्पिटल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे डेड डिक्लियर कर दिया।

इस घटना में सिविल पुलिस के 3 सब इंस्पेक्टर और एक कांस्टेबल भी जख्मी हुए है। जबकि एसटीएफ के 2 कमांडो को भी चोटें आई हैं। सभी का इलाज चल रहा है।

कानपुर कांड में 7 बदमाशों को 120बी के तहत जेल भेजा गया है। अब अभी इस मामले में 12 नामजद आरोपी वॉन्टेड है।

कानपुर के बिकरू गांव में हुए शूटआउट के बाद विकास दुबे समेत 21 लोगों को नामजद आरोपी बनाया गया था। जबकि 60 से 70 अन्य अज्ञात लोग भी आरोपी हैं। इन आरोपियों में से पुलिस ने 6 को एनकाउंटर में मार गिराया। 3 लोग गिरफ्तार किए गए।

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