ग्रामीणों ने बिजली कर्मी का शव रख किया प्रदर्शन, अधिकारियों की हुई हालत खराब
दो दिन पूर्व बिजली के पोल से गिरकर हुई प्राइवेट लाइनमैन की मौत के मामले ने आज सुबह तूल पकड़ लिया। भारी संख्या में एकत्र हुए ग्रामीणों ने ट्रैक्टर ट्राली में लाइनमैन का शव रख मौदहा बिवांर मार्ग जाम कर दिया और जमकर नारेबाजी करने लगे।
हमीरपुर: दो दिन पूर्व बिजली के पोल से गिरकर हुई प्राइवेट लाइनमैन की मौत के मामले ने आज सुबह तूल पकड़ लिया। भारी संख्या में एकत्र हुए ग्रामीणों ने ट्रैक्टर ट्राली में लाइनमैन का शव रख मौदहा बिवांर मार्ग जाम कर दिया और जमकर नारेबाजी करने लगे। इसकी सूचना मिलते ही कोतवाली पुलिस सहित आसपास के सभी थानों की पुलिस, पीएसी, फायर ब्रिगेड और राजस्व विभाग की टीम मौके पर पहुंच गई।
ये भी पढ़ें: सीमा पर तनाव: एक ओर बातचीत का नाटक, दूसरी ओर चीन का ये खतरनाक खेल
बिजली सही करते समय हुआ था गंभीर घायल
मामले को निपटाने की कोशिश करती रही फिर भी ग्रामीण अपनी जिद पर अड़े रहे। मौके पर पहुंचे अधिकारियों के सरकारी सहायता का आश्वासन दिए जाने के बाद जाम खुलाया जा सका। गौरतलब है कि बीते दो दिन पहले ग्राम मांचा में बिजली सही करते समय सिलौली गांव निवासी प्राइवेट लाइन मैन बरदानी (30) वर्ष पुत्र रामनारायण गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गया था।
ये भी पढ़ें: लोगों का चीन के खिलाफ फूटा गुस्सा, पुतला फूंक किया ये बड़ा एलान
मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान हुई मौत
उसे काम पर ले जाने वाले लाइनमैन मनसुख और ग्राम प्रधान मांचा के पुत्र जीशान अली द्वारा देर रात मौदहा कस्बे के सरकारी अस्पताल ले जाया गया था। जहां से लाइनमैन की गंभीर हालत को देखते हुए उसे मेडिकल कांलेज हैलट के लिए रेफर कर दिया गया था। मेडिकल कॉलेज हैलट में उपचार के दौरान घायल लाइनमैन की मौत हो गई थी। मृतक की पत्नी की तहरीर के आधार पर कोतवाली पुलिस ने आरोपी मनसुख के विरुद्ध धारा 304 के तहत मामला दर्ज कर लिया था और पुलिस आरोपी की तलाश कर रही थी।
ये भी पढ़ें: अब चीन की अकड़ होगी ढीली, मोदी सरकार ने लिया ये बड़ा फैसला
सरकारी मदद के आश्वासन के बाद...
आज सुबह भारी संख्या में गांव की महिलाओं और पुरुषों ने लाइनमैन के शव को ट्रैक्टर ट्राली में रखकर मौदहा बिवांर मार्ग जाम कर दिया। जिसकी सूचना मिलते ही आनन फानन में आसपास के थानों की पुलिस और पीएसी सहित फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंच गई और जाम खुलाने के प्रयास करते रहे।
मनाने के बाद भी ग्रामीण जाम खोलने को तैयार नहीं हुए। उसके बाद एसडीएम अजीत परेश, सीओ सौम्या पांडेय और तहसीलदार रामानुज शुक्ला भी मौके पर पहुंच गए और ग्रामीणों को समझाने बुझाने के तमाम प्रयास किए फिर भी ग्रामीण अपनी जिद पर अड़े रहे। लगभग तीन घंटे बाद सरकारी सहायता दिलाए जाने के आश्वासन के बाद ग्रामीण जाम खोलने को तैयार हुए। इस जाम से कई घंटों आवागमन ठप रहा।
ये भी पढ़ें: शहीद हवलदार की मासूम बेटी ने कही ऐसी बात, सुनकर फट जाए कलेजा
रिपोर्ट : रवींद्र सिंह