Sonbhadra Accident News: खदान में काम करने वाले मजदूर की 30 फीट नीचे गिरने से मौत, परिवार में पसरा मातम
Sonbhadra Accident News: सोनभद्र में ई-टेंडरिंग की खदान नंबर एक में बधुवार को शाम को एक मजदूर काम करते समय करीब 30 मीटर नीचे गिरकर घायल हो गया।
Sonbhadra Accident News: उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में ई-टेंडरिंग की खदान नंबर एक में बधुवार को शाम को एक मजदूर काम करते समय करीब 30 मीटर नीचे गिरकर घायल हो गया। मिली जानकारी के मुताबित घायल मजदूर को इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल में ले जा गया जहां डॉक्टरों ने उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। बधुवार करीब रात 9 घायल मजदूर की मौत हो गई। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।
यह पूरा मामला उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले का है जहां बुधवार को ई-टेंडरिंग की खदान नंबर में एक मजदूर काम करते समय 30 फीट नीचे गिरकर घायल हो गया। उपचार के लिए उसे पास के अस्पताल ले जाया गया। जहां से जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। रात नौ बजे के करीब उसकी मौत हो गई। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए दिया है।
30 फीट नीचे गिरने से मजदूर को आईं गंभीर चोटें
मिली जानकारी के मुतबित शाम करीब 6 बजे खनन वाली पहाड़ी के एक किनारे पर बैठ कर पारस गोंड़ (32) पुत्र काशी गोंड़ निवासी पतगढ़ी, थाना चोपन बोल्डर झब्लिंग (ब्लास्टिंग के बाद फंसे पत्थरों को निकालने का काम) कर रहा था। तभी पांव फिसलने से 30 फीट नीचे जा गिरा। 30 फीट उसे गंभीर चोटें आईं। जिसके बाद इलाज के लिए जिला अस्पताल ले जाते समय रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। मृतक को दो पुत्र और दो पुत्रियां हैं।
परिवार पर टूटा मुसीबतों का पहाड़
इस हादसे के बाद उन पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा। मृतक मजदूर के बड़े भाई चरन सिंह ने बताया कि अस्पताल लाते समय पारस की मौत हो गई। वहीं अस्पताल से मिली सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव कब्जे में लेकर शव को पोस्टमार्टम के लिए पोस्टमार्टम हाउस में रखवा दिया गया है। रात होने के कारण अब पोस्टमार्टम बृहस्पतिवार की सुबह किया जाएगा।
सुरक्षा मानकों का पालन न कराने से होती हैं घटनाएं
आपको बता दें कि ओबरा-डाला थाना क्षेत्र में सुरक्षा मानकों का पालन न कराए जाने से अक्सर मजदूरों की जान जाती रही है। गत मई माह में डाला क्षेत्र में ही खदान में हुए हादसे में पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष अनिल यादव के भतीजे की मौत हो गई थी। तब भी सुरक्षा मानकों को लेकर सवाल उठाया गया था। वाराणसी से डीजीएमएस की अगुवाई में टीम भी खदान के निरीक्षण के लिए आई लेकिन निरीक्षण के बाद चुप्पी साध ली गई।