Sonbhadra News: मानवाधिकार आयोग के निर्देशों का पालन होता तो बच जाती मासूमों की जान, IPF का बड़ा आरोप, जानिए पूरा मामला

Sonbhadra News: पूर्व में हुई बच्चों की मौतों के संदर्भ में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के दिए निर्देशों का उत्तर प्रदेश शासन और जिला प्रशासन ने अनुपालन किया होता, तो खुटंहा और बड़वान टोला में फैली बीमारी से मासूम बच्चों की जान को बचाया जा सकता था।

Update:2023-09-04 23:22 IST
म्योरपुर इलाके का बेलहत्थी गांव : Photo-Newstrack

Sonbhadra News: म्योरपुर इलाके के बेलहत्थी गांव के रजनी टोला में पूर्व में हुई बच्चों की मौतों के संदर्भ में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के दिए निर्देशों का उत्तर प्रदेश शासन और जिला प्रशासन ने अनुपालन किया होता, तो खुटंहा और बड़वान टोला में फैली बीमारी से मासूम बच्चों की जान को बचाया जा सकता था। यह दावा है ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रंट की टीम का। सोमवार को इस संगठन के प्रतिनिधिमंडल ने बेलहत्थी गांव का दौरा किया।

ग्रामीण रिहंद डैम के जहरीले पानी को पीने के लिए मजबूर

प्रदेश महासचिव दिनकर कपूर, जिला संयोजक कृपा शंकर पनिका, तहसील संयोजक शिव प्रसाद गोंड, इंद्रदेव खरवार, रमेश सिंह खरवार और जीत सिंह गोंड़ की मौजूदगी वाले इस प्रतिनिधिमंडल ने दावा किया कि अभी भी वहां के ग्रामीण रिहंद डैम के जहरीले पानी को पीने के लिए मजबूर हैं। बड़वान और खुटंहा टोला में जाने के लिए सड़क नहीं है। बीमार लोगों को एंबुलेंस से ले जा पाना असंभव है।

गांव में बड़े पैमाने पर चेचक और डायरिया फैला हुआ है

टीम से वार्ता के दौरान ही चेचक से पीड़ित मीना कुमारी पुत्री रघुनाथ बेहोश हो गई। उसकी स्थिति बेहद खराब है, बावजूद मेडिकल कैंप लगाने वाली टीम उसे अस्पताल लेकर नहीं गई। गांव में बड़े पैमाने पर चेचक और डायरिया फैला हुआ है। मृतक तीन वर्षीय मासूम के पिता रामकुमार के पिता गिरधारी ने टीम को बताया कि उसके बच्चे की स्लाइड जांच में मलेरिया और टाइफाइड निकला था। टीम के मुताबिक ग्रामीणों ने यह भी बताया कि गांव में पिछले एक साल से मलेरिया रोधी दावों का छिड़काव नहीं किया जा रहा है।

मच्छरों को मारना जरूरी नहीं: डॉक्टरों की टीम

इस संबंध में जब गांव में गई डॉक्टरों की टीम से कहा गया तो उन्होंने कहा कि मच्छरों को मारना जरूरी नहीं है क्योंकि मच्छरों से तिलहन की फसल अच्छी होती है। यह ग्रामीणों के स्वास्थ्य के साथ किया गया क्रूर मजाक है। ग्रामीणों ने यह भी बताया कि गांव में रोजगार का जबरदस्त अभाव है। एक साल से मनरेगा ठप पड़ा हुआ है। पिछले वर्ष बड़वान टोला में जो सड़क का काम करवाया गया उसकी मजदूरी भी बकाया है। कहा कि 15 सितंबर को म्योरपुर में आयोजित होने वाले धरने में सारे मसलों को प्रमुखता से उठाया जाएगा।

टीम की तरफ से इस बात की उठाई गई मांग

आईपीएफ की टीम ने जिला प्रशासन से तत्काल पहल करके गंभीर बीमार बच्चों को अस्पताल में भर्ती करने, शुद्ध पेयजल की व्यवस्था करने, बड़वान और खुटंहा टोला तक पक्की सड़क निर्मित करने, गांव में मलेरिया रोधी दवा का छिड़काव करने, रजनी टोला में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोलने, मृतक बच्चों के परिजनों को मुआवजा देने और लोगों को भुखमरी से बचाने के लिए मनरेगा में बड़े पैमाने पर काम और बकाया मजदूरी के भुगतान की मांग की है।

यहां बीमारी से दो मासूम बच्चों की हो चुकी है मौत

गौरतलब है कि बेलहत्थी ग्राम पंचायत के खुटंहा टोला में काजल पुत्री रमाशंकर उम्र 3 वर्ष और रामकुमार पुत्र गिरधारी उम्र ढाई वर्ष की हाल ही में बीमारी से मृत्यु हुई है। इसके अलावा मीना कुमारी पुत्री रघुनाथ, विकास पुत्र पप्पू बिहार, बसंती पुत्री छविलाल, संगीता कुमारी पुत्री गिरधारी खरवार, अमित कुमार पुत्र रमेश खरवार, रोहित कुमार पुत्र छविलाल, गुंजा कुमारी पुत्री रघुनाथ आदि बीमार हैं। जिसमें से मीना कुमारी पुत्री रघुनाथ उम्र 13 वर्ष संगीता कुमारी पुत्री छविनाथ उम्र 12 वर्ष की स्थिति गंभीर है।

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