Sonbhadra News: इंद्रदेव हत्याकांड में सगे भाइयों को उम्रकैद, महिला का हाथ पकड़ने पर कर दी थी हत्या

Sonbhadra News: न्यायालय एएसजे प्रथम की अदालत ने बुधवार को यह फैसला सुनाया। मामले की सुनवाई करते समय अधिवक्ताओं की दलीलों और पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर महुआ टोला निवासी दो व्यक्तियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

Update:2023-09-06 21:20 IST
(Pic: Social Media)

Sonbhadra News: म्योरपुर थाना क्षेत्र के कुदरी ग्राम पंचायत अंतर्गत महुआ टोले में वर्ष भर पूर्व मानसिक रूप से विक्षिप्त युवक की हत्या करने और हत्या को आत्महत्या का रूप देने के लिए पलाश के पेड़ से लटका दिए जाने के मामले में दो दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। न्यायालय एएसजे प्रथम की अदालत ने बुधवार को यह फैसला सुनाया। मामले की सुनवाई करते समय अधिवक्ताओं की दलीलों और पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर महुआ टोला निवासी दो व्यक्तियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। दोनों दोषियों पर 25-25 हजार का अर्थ दंड भी लगाया गया। अर्थदंड अदा न करने की दशा में, दोनों दोषियों को 6-6 माह अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा।

सितंबर 2022 में हुई थी दिल दहला देने वाली वारदात

अभियोजन कथानक के मुताबिक वादी मुकदमा धन सिंह पुत्र स्व. रजउ निवासी ग्राम नौडीहा, थाना दुद्धी ने 7 सितंबर को थाना म्योरपुर पहुंच कर इस आशय की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसका पुत्र इंद्रदेव जो कि मानसिक रूप से विक्षिप्त था। पांच सितंबर को घर से बिना बताए चला गया था। सात सितंबर को प्रधान नौडीहा के माध्यम से सूचना मिली कि बीती रात 11:30 बजे के आस-पास उसके लड़के इंद्रदेव को ग्राम कुदरी महुआ टोला के रहने वाले विनोद अगरिया व रामसूरत पुत्रगण जगन अगरिया और उसके रिश्तेदार हरदेव पुत्र शिवभजन निवासी डूभा, थाना बभनी ने लाठी-डंडे और बांस के पट्टे से उसकी जान मारने की नियत से उसे मारे-पीटे। मरा समझ कर घर से थोड़ी दूर घसीट कर ले गए और सबूत मिटाने के उद्देश्य से इंद्रदेव के गले में रस्सी का फंदा लगाकर परास के पेड़ से लटका देने के कारण उसके पुत्र इंद्रदेव की मृत्यु हो गई।

वादी मुकदमा की तहरीर के आधार पर थाना म्योरपुर में तीनों आरोपियों के विरुद्ध धारा 302, 201, 34 आईपीसी के तहत मामला दर्ज कर छानबीन शुरू की और मामले में आरोपियों को गिरफ्तार करने के साथ ही उनके खिलाफ न्यायालय में चार्जशीट प्रस्तुत की। अदालत ने मामले में गवाहों का बयान परीक्षित करने के साथ ही अधिवक्ताओं की दलीलें सुनी। पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों का संज्ञान लिया और इसके आधार पर सगे भाई विनोद अगरिया और रामसूरत को हत्या का दोषी पाया। इसके लिए उन्हें आजीवन कारावास की सजा के साथ ही 25-25 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई। साथ ही यह भी आदेश दिया कि अगर दोनों दोषी अर्थदंड की धनराशि जमा नहीं करते हैं तो उन्हें 6-6 माह की अतिरिक्त कैद भुगतान पड़ेगी।

विवेचना के दौरान महिला का हाथ थामने पर हत्या की बात आई थी सामने

बताते चलें कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जहां मृतक के शरीर पर 15 चोटें मिलने की बात सामने आई थी। वहीं, विवेचना के दौरान पुलिस को यह पता चला था कि रामसूरत अगरिया के भाई विनोद अगरिया के परिवार में खानपान का कार्यक्रम था। अर्धरात्रि के समय उसकी पत्नी भाई के यहां आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करने के बाद पास में स्थित अपने घर के लिए जा रही थी। तभी वहां विक्षिप्त बताया जा रहा युवक निर्वस्त्र हालत में पहुंचा और उसने उसका हाथ पकड़ लिया। यह देख रामसूरत अगरिया आगबबूला हो गया और वह युवक को पड़कर भाई के आंगन में ले गया, जहां उसके साथ बेरहमी से मारपीट की गई और मरणासन्न हालत में उसे कुछ दूरी पर स्थित पलाश के पेड़ में फंदा लगाकर लटका दिया गया। दोषियों ने इस मामले को आत्महत्या का रूप देने की पूरी कोशिश की थी लेकिन गांव के प्रधान की तरफ से मृतक के परिवार को दी गई जानकारी ने उन्हें सलाखों के पीछे पहुंचा दिया।

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