Sonbhadra news: चोपन-चुनार खंड के विद्युतीकरण ने घटाई 200 किमी. दूरी, दौड़ने लगी 22 मालगाड़ियां

जिला मुख्यालय से होकर गुजरने वाले चुनार खंड के विद्युतीकरण ने रेलवे के मालगाड़ियों की 200 किमी. दूरी कम कर दी है।

Published By :  Shashi kant gautam
Update: 2021-07-09 06:59 GMT

यात्री को फेंका ट्रेन के नीचे (सांकेतिक फोटो) फोटो- सोशल मीडिया

Sonbhadra News: जिला मुख्यालय से होकर गुजरने वाले चुनार खंड के विद्युतीकरण ने रेलवे के मालगाड़ियों की 200 किमी. दूरी कम कर दी है। अब इस रूट के पूर्ण दोहरीकरण और इस पर पड़ने वाले सभी स्टेशनों पर ऑटोमेटिक सिग्नल प्रणाली सेवा बहाल करने की कवायद तेज कर दी गई है। रेलवे प्रशासन का दावा है कि मौजूदा वित्तीय वर्ष की समाप्ति तक चोपन से चुनार के बीच पड़ने वाले सभी छह स्टेशनों पर ऑटोमेटिक सिग्नल प्रणाली बहाल हो जाएगी। ट्रेनों का आवागमन तेज हो, इसके लिए राबर्टसगंज और चुनार के बीच विश्वनाथ पुरी रेलवे स्टेशन के पास ट्रेनों का हाल्ट स्टेशन बनाने को लेकर भी प्रक्रिया आगे बढ़ाई जा रही है। रेलवे के लोगों का मानना है कि आने वाले समय में इस रूट पर कई यात्री ट्रेनें भी दौड़ती दिखाई दे सकती हैं।

महाप्रबंधक उत्तर मध्य रेलवे वीके त्रिपाठी के मुताबिक कि मिशन 100% विद्युतीकरण के तहत प्रयागराज मंडल के चुनार-चोपन खंड में सोनभद्र (राबर्ट्सगंज) ट्रैक्शन सब-स्टेशन को चालू कर, इस रूट से गुजरने वाली सभी मालगाड़ियों को इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन पर चलाने का काम शुरू कर दिया गया है। इससे जहां चोपन में ट्रैक्शन बदलने की बाधा दूर हो गई है है। वहीं समय की बचत होने से माल गाड़ियों के लिए लगभग 200 ट्रैक किमी छोटा विद्युतीकृत रूट उपलब्ध हो गया है। पहले जहां इस रूट से एक दिन में तीन चार माल गाड़ियां गुजरती थी।

20-22 मालगाड़ियों का परिचालन शुरू

वहीं इलेक्ट्रिफिकेशन के बाद, इस मार्ग से कोयले को ताप विद्युत संयंत्रों तक ले जाने वाली 20-22 मालगाड़ियों का परिचालन शुरू कर दिया गया है। वहीं विद्युतीकरण के अभाव में पहले मालगाड़ियों को चोपन से डायवर्ट कर गढ़वा डेहरी आन सोन होते हुए, दीनदयाल उपाध्याय रेलवे स्टेशन से होते हुए चुनार पहुंचना पड़ता था। अब वह भी समस्या समाप्त हो गई है।

मार्च तक चोपन चुनार रूट के सभी स्टेशन हो जाएंगे ऑटोमेटिक सिग्नल प्रणाली से लैस

क्षेत्रीय रेल परामर्शदात्री उत्तर मध्य रेलवे प्रयागराज जोन के सदस्य एसके गौतम ने बताया कि विद्युतीकरण के बाद अब चुनार चोपन रूट के दोहरीकरण पर फोकस किया जा रहा है इसके साथ ही इस रूट पर पड़ने वाले सभी रेलवे स्टेशनों पर ऑटोमेटिक सिग्नल प्रणाली की व्यवस्था उपलब्ध हों, रेलवे की तरफ से इसके प्रयास तेज कर दिए गए हैं। खैराही स्टेशन से शुरुआत भी हो गई है डेढ़ से दो माह के भीतर राबर्ट्सगंज और लूसा में भी

20-22 मालगाड़ियों का परिचालन शुरू: फोटो- सोशल मीडिया


यह व्यवस्था बहाल हो जाएगी। मार्च 2022 तक खैराही, अगोरी खास और विश्वनाथपुरी स्टेशन के पास स्थित ब्लॉक हट आरको पर भी यह व्यवस्था बहाल हो जाएगी। बताया कि विश्वनाथ पुरी रेलवे स्टेशन के पास माल गाड़ियों की यात्री ट्रेनों का हाल्ट स्टेशन बनाने को लेकर भी प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ाई जा रही है। इससे एक रूट पर दो ट्रेनों के आवागमन के समय जहां-तहां गाड़ियां खड़ी करने के बजाय एक साइड में हाल्ट वाली जगह पर खड़ा किया जाएगा। इससे मालगाड़ियों और ट्रेनों के आवागमन के समय में जहां कमी और धन की बचत होगी। वही त्रिवेणी एक्सप्रेस और वाराणसी इंटरसिटी एक्सप्रेस के संचालन में लेटलतीफी की दिक्कत से भी राहत मिल जाएगी।

इटावा-मैनपुरी, बरहन-एटा रूट का भी होगा विद्युतीकरण

प्रमुख मुख्य बिजली इंजीनियर उत्तर मध्य रेलवे सतीश कोठारी ने अनुसार चालू वर्ष 2021-22 के दौरान 517 रूट किलोमीटर और 603 ट्रैक किलोमीटर का विद्युतीकरण करने का लक्ष्य रखा गया है। इस प्रक्रिया के तहत इस वर्ष महोबा-खजुराहो, खजुराहो-उदयपुरा, बिरलानगर-उडी मोड़, शिकोहाबाद-फर्रुखाबाद, इटावा-मैनपुरी, बरहन-एटा का विद्युतीकरण किया जाएगा।

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