Political Interview: छोटे भाई की असमय मौत, चुनाव प्रचार में बुजुर्ग महिला की कान में कही बात को आज तक नहीं भूले पूर्व विधायक इं. रमेशचन्द्र दुबे

Political Interview: रिकार्ड मत हासिल कर सपा के उम्मीदवार के रूप में जीत दर्ज करने वाले इं. रमेशचन्द्र दुबे की गणना तेजतर्रार छवि और बेहतर कार्यशैली वाले नेताओं में की जाती है।

Written By :  Kaushlendra Pandey
Published By :  Pallavi Srivastava
Update:2021-09-14 09:46 IST

अखिलेश यादव के साथ रमेश चंद्र दुबे (File Photo) pic (social media)

Political Interview: 2012 के विधानसभा चुनाव में सारे समीकरणों को ध्वस्त कर बसपा के उम्मीदवार रहे अनिल मौर्या को उनके मजबूत समीकरण के बावजूद, रिकार्ड मत हासिल कर सपा के उम्मीदवार के रूप में जीत दर्ज करने वाले इं. रमेशचन्द्र दुबे की गणना तेजतर्रार छवि और बेहतर कार्यशैली वाले नेताओं में की जाती है। 2017 के चुनाव में भले ही मोदी लहर और अनिल मौर्या के मजबूत सियासी समीकरण के चलते उन्हें शिकस्त खानी पड़ी हो । लेकिन मतदाताओं का एक बड़ा वर्ग अभी भी उन्हें अपना नेता मानता है।

इं. रमेशचन्द्र दुबे (file photo) pic(social media)

विधानसभा चुनाव 2022 के समर को लेकर उन्होंने एक बार फिर से तैयारियां तेज कर दी हैं।  गांव-गांव लोगों से मिलना, उनके साथ बैठकें करना, उनकी समस्याओं पर संघर्ष की रणनीति बनाने का दौर भी शुरू कर दिया है। मौजूदा सियासी माहौल में वह जिले के पहले ऐसे नेता हैं जिन्होंने जनता के बीच जाने का अपना एक तय शिड्यूल अभी से लोगों के बीच थोड़े-थोड़े दिनों के अंतराल पर जारी करना शुरू कर दिया है। उनके इस व्यस्त शिड्यूल के बीच न्यूज ट्रैक ने उनसे, उनके राजनीतिक सफर, उनकी जीवनशैली और मौजूदा समय के राजनीतिक परिदृश्य के प्रति उनकी सोच को लेकर कई सवाल दागे, जिसका उन्होंने कुछ इस तरह से बेबाक जवाब सामने रखा---

प्रश्न- आप राजनीति में नहीं आते तो क्या करते?

उत्तर- हमारी पारिवारिक पृष्ठभूमि सामान्य किसान परिवार की रही है। होश संभालने के बाद व्यवसाय की तरफ कदम बढ़ाया। राजनीति में नहीं आते तो निश्चित तौर पर व्यवसाय के क्षेत्र में अपनी किस्मत आजमा रहे होते। राजनीति में आने के बाद अब जीवन इतना सार्वजनिक हो गया है कि घर के व्यक्तिगत कामों के लिए समय बड़ी मुश्किल से बच रहा है। 

मुलायम सिंह यादव के साथ बातचीत करते रमेश चंद्र दुबे (File Photo) pic(social media)

प्रश्न- आपको खाने-पहनने में क्या पसंद है?

उत्तर - विशुद्ध शाकाहारी और घरेलू खान-पान का शौकीन हूं। घर का खाना सबसे ज्यादा पसंद है। देशी वेशभूषा शुरू से आकर्षित करती रही है। राजनीति में आने के बाद खादी पहनावा ही उनकी पहली पसंद है। 

प्रश्न- राजनीति के अलावा आपका और किस काम में समय व्यतीत होता है?

उत्तर- जब से राजनीति में आया हूँ। तब से दूसरे काम के लिए समय नहीं है। विधायक बनने के बाद से हमेशा किसी न किसी का, कोई न कोई काम लेकर आना बना रहता है। लोगों की मदद करने में प्रसन्नता भी होती है। इसलिए राजनीति के बाद का जो समय बचता है, वह समाजसेवा में व्यतीत होता है। 

प्रश्न- वर्तमान राजनीति में बदलाव चाहते हैं क्या? यदि हां, तो कैसा?

उत्तर- वर्तमान राजनीति कथनी कुछ और करनी कुछ वाली हो गई है। इसे समाप्त करने की जरूरत है। यह तभी संभव है, जब जनता आगे आए।.समाजवाद को मूर्तरूप देने में अपनी मजबूत सहभागिता दर्ज कराए। चुनाव में जनता को चाहिए कि वह सपनों का सब्जबाग दिखाकर भूल जाने वाले तथा झूठ-फरेब का रास्ता अपनाकर लोगों को गुमराह करने वाले नेताओं से बाज आए। जो कथनी हो, वहीं करनी हो.. ऐसे ही नेता का चुनाव करे। क्योंकि जीत के बाद भी जो जनता के हितों के लिए संघर्ष जारी रखे, वहीं नेता सही राजनीतिक परिदृश्य बना सकता है। इस पर हम सभी को गहनता से विचार करना चाहिए।

प्रश्न- जिंदगी का सबसे बेहतरीन क्षण जिसे याद करना चाहेंगे?

उत्तर- जनता ने जब विधायक बनने का मौका दिया। वह एक ऐसा क्षण है, जिसको वह कभी भूलना नहीं चाहिए। बचपन से चाहत थी कि ऐसा मौका मिले, जब जनता के लिए कुछ कर सकूं।गरीबों की सेवा कर सकूं।विधायक के रूप में जनता मौका दिया। 2012 से 2017 के कार्यकाल के बीच शिक्षा, चिकित्सा और सिंचाई के क्षेत्र में कई ऐतिहासिक कार्य भी किए । लेकिन 2017 में लुभावने वायदों ने जनता को दिग्भ्रमित कर दिया। अब वास्तविकता लोगों के सामने आ चुकी है। 

प्रश्न- जिंदगी की ऐसी कोई घटना, जिसने आपको सबसे ज्यादा दुख पहुंचाया हो?

उत्तर - छोटे भाई की असमय मौत..। वह धीरे-धीरे युवावस्था की तरफ से बढ़ रहे थे। आगे के जीवन के सफर में छोटे भाई से काफी सहयोग की उम्मीद है। उस समय भाई हाईस्कूल में पढ़ रहा था। ..पर अचानक एक सड़क हादसे ने हमसे हमारे भाई को छीन लिया। यह एक ऐसा दर्द है जो आज भी उन्हें रह-रह कर रूलाता रहता है। 

कार्यकर्ताओं के साथ मंच साझा करते रमेश चंद्र दुबे (File Photo) pic (social media)

प्रश्न- बच्चों को राजनीति में उतारना चाहेंगे? 

उत्तर- जी नहीं। क्योंकि राजनीति में आने के बाद व्यक्ति के पास दूसरे कामों के लिए समय नहीं बचता। वह चाहते हैं कि उनके बच्चे शिक्षा के क्षेत्र में उनका नाम रोशन करें।  

प्रश्न- विधायक निधि के बारे में आपकी राय क्या है? इसे भ्रष्टाचार का कारण मानते हैं या विकास के लिए जरूरी।

उत्तर- जनता के विकास के लिए विधायक निधि जरूरी है। क्योंकि विधायक एक ऐसा जनप्रतिनिधि होता है जो जनता के बेहद करीब होता है। जहां तक इसके दुरूपयोग या भ्रष्टाचार का सवाल है, तो यह जनप्रतिनिधि की नियत पर निर्भर करता है। अगर विधायक अच्छा है। जनता के प्रति उसकी सोच अच्छी है तो यहीं निधि जनता के विकास का बड़ा माध्यम बनी नजर आएगी।

प्रश्न- पहले या किसी चुनाव की कोई घटना शेयर करना चाहेंगे?

उत्तर- 2012 के विधानसभा चुनाव के समय जब साइकल यात्रा लेकर क्षेत्र में निकला , उसी दौरान अचानक से एक बुजुर्ग महिला घर से बाहर आई। हमें रोककर अपना हाथ आशीर्वाद के मुद्रा में उठाते हुए कान में कहा कि ये बार तोहीं जीतबा..। एकबारगी तो मैं उस बुजुर्ग महिला के इस व्यवहार को समझ नहीं पाया ।

लेकिन जब उसके कहे शब्द पर ध्यान दिया तो लगा कि हमें मां का आशीर्वाद मिल रहा है। हमने उस चुनाव में न केवल जीत हासिल की बल्कि जनता ने रिकार्ड मतों से जिताकर एक नया इतिहास रच दिया।

कार्यकर्ताओं के साथ रमेश चंद्र दुबे pic(social media)

प्रश्न- फिर से विधायक बनने का मौका मिलता है तो जनता के लिए क्या करना चाहेंगे? 

उत्तर- काफी काम अधूरे हैं। सिंचाई की महत्वाकांक्षी परियोजना सोन लिफ्ट का विस्तारीकरण की योजना रद्द कर दी गई है। सिंगरौली से घोरावल होते हुए इलाहाबाद के लिए रेलवे लाइन बिछाने की योजना खटाई में पड़ी हुई है। पेयजल और सिंचाई के लिए काफी कुछ करना बाकी रह गया है। मैने पूर्व के अपने कार्यकाल में कराए गए कार्यों और आगे के लिए प्रस्तावित कार्यों की एक सूची भी बनाई है। अगर 2022 के चुनाव में उन्हें जनता के बीच आने का मौका मिलता है और जीत हासिल होती है तो निश्चित रूप से अपने समय के अधूरे पड़े कार्यों को पूर्ण कराने और प्रस्तावित हुई योजनाओं को मूर्तरूप दिलाने का काम करूँगा।

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