Sonbhadra News: झूला झूलने के लिए बंधी साड़ी से मासूम बच्चे की मौत, चंद मिनटों में थम गई सांसें, परिवार में मचा कोहराम
Sonbhadra News: सोनभद्र जिले में झूला झूलने के लिए घर में बांधी गई साड़ी ही 12 वर्षीय बालक के लिए मौत का फंदा बन गई।
Sonbhadra News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के सोनभद्र (Sonbhadra) जिले में झूला झूलने के लिए घर में बांधी गई साड़ी ही 12 वर्षीय बालक के लिए मौत का फंदा बन गई। मामला बभनी थाना क्षेत्र के भंवर गांव का है। झूला झूलते समय किसी तरह से साड़ी उसके गर्दन में कस गई। वह उससे जितना निकलने की कोशिश करता, उतना ही उसके गले पर साड़ी का कसाव बढ़ता गया और कुछ देर में ही उसकी मौत हो गई।
पांच वर्षीय छोटे भाई ने दादा-दादी को जाकर स्थिति की जानकारी दी तो हड़कंप मच गया। भागते हुए जाकर देखे तो उसकी मौत हो चुकी थी। सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर रविवार की सुबह पोस्टमार्टम के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र दुद्धी भेज दिया।
झूला झूल रहे 12 वर्षीय बच्चे की मौत
बभनी थाना क्षेत्र के भवर गांव निवासी लाल प्रताप का 12 वर्षीय पुत्र विक्की शनिवार की देर शाम अपने ही घर के एक हिस्से में साड़ी का झूला बनाकर उस पर झूल रहा था। उसी दौरान अचानक से साड़ी उसके गर्दन में फंस गई। वह साड़ी को अपने गर्दन से निकालने की जितनी कोशिश करता। फंदा उतना ही कसता गया। झूले के पास परिवार का कोई सदस्य भी नहीं था। इसलिए उसे कोई मदद भी नहीं मिल पाई। उसकी गर्दन पर साड़ी का दबाव लगातार कसता गई और कुछ देर में ही उसका पूरा शरीर निढाल पड़ गया।
शरीर में कोई हरकत न होता देखे छोटे बच्चे ने दादा दादी को दी सूचना
उसके शरीर में कोई हरकत न होता देख पांच वर्षीय छोटा भाई संजू दौड़कर घर के दूसरे हिस्से में मौजूद दादा-दादी के पास पहुंचा और उन्हें बताया कि भाई कुछ बोल नहीं रहा है। उसकी जीभ भी बाहर निकल गई है। यह सुनकर दादा-दादी सन्न रह गए। दौड़ते हुए मौके पर पहुंचे और विक्की के गले में फंसी साड़ी को निकाल कर उसे झूले से नीचे उतारा लेकिन तब तक उसकी सांसें थम चुकी थीं। इसके बाद परिवार में कोहराम मच गया। देर तक करूण क्रंदन की स्थिति बनी रही।
बच्चे की मौत की खबर से मां बिलख पड़ी
बच्चे की मौत की खबर सुन कर मायके में रह रही मां इंदू देवी भी वहां आ गई और बेटे की हालत देख बिलख पड़ी। प्रधान ने घटना की जानकारी बभनी पुलिस को दी। सब इंस्पेक्टर रामायण राम घटनास्थल पर पहुंचे और पूरी घटना की जानकारी के बाद शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र दुद्धी भेज दिया।
दादा-दादी ही कर रहे थे विक्की की परवरिश
विक्की अपने तीन भाईयों में सबसे बड़ा था और उसकी परवरिश पिछले दो साल से दादा-दादी ही कर रहे थे। ग्रामीणों के मुताबिक उसके मां और पिता में विवाद होने के बाद मां पिछले दो साल से मायके में रह रही थी। वहीं पिता कानपुर में रहकर काम करते हैं। विक्की और उसके दोनों भाई दादा दादी के साथ रहते थे।
वहीं उनकी परवरिश भी कर रहे थे। प्रधान रामकुमार ने बताया कि तीनों बच्चे आसपास में भी काफी घुले-मिले हुए हैं। यहीं कारण था कि इस घटना के बाद उसके परिवार वालों के साथ ही गांव के लोग भी गमगीन नजर आए।