Sonbhadra News: चिकित्सक दंपति पर एफआईआर दर्ज करने का आदेश, प्रसव के समय लापरवाही बरतने का आरोप

आस्था हॉस्पिटल के प्रबंधक डॉ. सुधेंदु सिंह और उनकी पत्नी के खिलाफ कोर्ट ने मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है।

Published By :  Raghvendra Prasad Mishra
Update:2021-09-06 21:29 IST

कोर्ट हैमर की फाइल तस्वीर (फोटो साभार-सोशल मीडिया)

Sonbhadra News: जिले के प्रतिष्ठित आस्था हॉस्पिटल के प्रबंधक डॉ. सुधेंदु सिंह और उनकी पत्नी एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. वीणा सिंह के खिलाफ मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने थानाध्यक्ष राबर्ट्सगंज को मुकदमा दर्ज कर विधि अनुरूप विवेचना का आदेश दिया है। उन पर महिला के प्रसव के दौरान लापरवाही का आरोप लगाया गया है।

शिकायतकर्ता जयप्रकाश सिंह ने अधिवक्ता सत्यारमण त्रिपाठी के जरिए मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में दाखिल प्रार्थना पत्र में बताया है कि उनकी पत्नी काजल सिंह 2017 में पहली बार गर्भवती हुई थी। तब से उनका उपचार आस्था हॉस्पिटल में डॉक्टर वीणा सिंह की देखरेख में चलता रहा। प्रसव के दौरान बेटी पैदा हुई। बेटी का ब्लड ग्रुप पॉजिटिव और मां का ब्लड ग्रुप निगेटिव पाया गया। आरोप है कि ऐसी दशा में बच्चे के पैदा होने के 72 घंटे के अंदर मां को एंटी-डी इंजेक्शन लगाना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। मेडिकल सिद्धांतों के अनुसार अगर ऐसा नहीं किया गया है तो द्वितीय गर्भावस्था में प्रसव के लिए निश्चित समय से 20-25 दिन पहले यथोचित सपोर्टिव ट्रीटमेंट दिया जाना चाहिए, मगर ऐसा भी नहीं किया गया, जिसका परिणाम हुआ कि दूसरी बार के प्रसव में जो बेटा पैदा हुआ, वह संक्रमण का शिकार हो गया और दवा इलाज के बावजूद तीन दिन बाद उसकी मृत्यु हो गई।

इलाज की समरी रिपोर्ट मांगे जाने पर आधी अधूरी दी गई। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने चिकित्सकों के विशेषज्ञ पैनल से जांच कराकर विशेषज्ञ आख्या तलब की। डॉ. बीके अग्रवाल की अगुवाई में गठित चिकित्सकीय पैनल ने जांच उपरांत राय दी कि चिकित्सक द्वारा लापरवाही होना प्रतीत होता है। इसके आधार पर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत ने पाया कि प्रथमदृष्ट्या प्रस्तुत मामले में डॉ. वीणा सिंह और आस्था हास्पीटल के प्रबंधक डॉ. सुधेंदु सिंह की चिकित्सक उपेक्षा प्रकट हो रही है। दो दिन पूर्व पारित निर्णय में थानाध्यक्ष राबर्ट्सगंज को आदेशित किया गया है कि आवेदन के साथ संबंध में तथ्यों के आलोक में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर विधि अनुरूप विवेचना कराएं और विवेचनोपरांत अपनी आख्या दंड प्रक्रिया संहिता के प्रावधान के अनुसार न्यायालय में प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें। 

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