Sonbhadra News: मकरा में मौतों पर NHRC गंभीर, तलब की रिपोर्ट, अब तक 34 मौतें, मलेरिया निरीक्षक हटाए गए

Sonbhadra News: म्योरपुर ब्लाक के मकरा में दो दिन पूर्व हुई 32 मौतों की घटना से हड़कंप मचा हुआ है। प्रदूषित पेयजल और मलेरिया से होती मौतों का मामला राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग तक जा पहुंचा है।

Published By :  Shashi kant gautam
Update: 2021-11-25 11:35 GMT

सोनभद्र: मकरा में मौतों पर NHRC गंभीर

Sonbhadra News: म्योरपुर ब्लाक (Mayorpur Block) के मकरा (makara) में प्रदूषित पेयजल (Polluted Drinking Water) और मलेरिया (Malaria) से होती मौतों का मामला राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Rights Commission) तक जा पहुंचा है। वहां से मामले को वाद के रूप में दर्ज करते हुए जवाब भी तलब कर लिया गया है। उधर, प्रशासन स्तर से कराई गई जांच में दो दिन पूर्व ही 32 मौतों की बात सामने आने की बात हड़कंप मचाए हुए है। बुधवार को मासूम और वृहस्पतिवार को परशुराम (70) पुत्र देवशाह की मौत सामने आने के बाद यह संख्या 34 हो गई है। जहां अगस्त से ही मौतें जारी होने की बात चर्चा में है। वहीं मलेरिया निरीक्षक प्रवीण कुमार सिंह को म्योरपुर से हटाकर उनकी जगह दिनेश कुमार पांडेय को भेजा गया है। सीएमओ डा. नेम सिंह ने देर शाम सेलफोन पर इसकी पुष्टि की। अगस्त से ही मौतें जारी होने की भी बात चर्चा में है। जहां जिम्मेदारों की तरफ से मामले को अंदर खाने मैनेज करने की कोशिश होती रही। वहीं कांग्रेस, सपा, आइपीएफ की तरफ से मौतों के लिए स्वास्थ्य महकमे को जिम्मेदार ठहराते हुए कार्रवाई की मांग की जाती रही।



 बताते चलें कि महज 35 दिन में 15 मौत होने की बात सामने आने के बाद सक्रिय हुए प्रशासन ने मकरा का जमीनी हाल जाना तो पता चला कि यहां अगस्त से लेकर दो दिन पूर्व तक 32 मौत हो चुकी है। वहीं सपा के पूर्व विधायक अविनाश कुशवाहा ने 34 मौत होने का दावा किया है। ट्विटर के जरिए निशाना साधते हुए कहा है कि स्वास्थ्य विभाग (Health Department) और प्रशासन एक मलेरिया निरीक्षक पी के सिंह को बचाने में लगा है और इस मामले में लीपापोती जारी है। जबकि गांव की स्थिति बहुत ही खराब है। उधर, एसडीएम दुद्धी की रिपोर्ट पर डीएम ने जहां संबंधितों से स्पष्टीकरण तलब कर रखा है। वहीं संबंधितों की तरफ से एक दूसरे पर ठीकरा फोड़ मामले को मैनेज करने की कोशिश चलती रही।

आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट (All India People's Front) की तरफ से की गई शिकायत

वहीं दूसरी तरफ आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट (All India People's Front) की तरफ से की गई शिकायत पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लेकर (डायरी नम्बर 183504/सीआर/2021) कार्यवाही शुरू कर दी है। जिला संयोजक कृपाशंकर पनिका ने मानवाधिकार आयोग में वाद दर्ज किए जाने संबंधी मैसेज मिलने की पुष्टि भी की। उधर, दूसरी तरफ एनएसयूआई के प्रदेश सचिव अंकुश दुबे ने मुख्य सचिव को पत्र भेजकर मकरा की मौतों के मामले में कार्रवाई की मांग की है। स्वास्थ्य विभाग, खासकर मलेरिया विभाग के अधिकारियों को जिम्मेवार ठहराते हुए कार्रवाई की मांग की है।

किसी ने साइलेंट कर लिया फोन तो कोई हो गया नाट रिचेबल

मकरा में लगातार मौतों का मामला मानवाधिकार आयोग तक पहुंचने के बाद स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप की स्थिति बन गई है। हालत यह हो गई है कि किसी ने फोन साइलेंट मोड पर लगा दिया है तो किसी-किसी का फोन पूरे दिन नाट रिचेबल बताता रहा।


सीएमओ के सीयूजी नंबर पर थोड़े-थोड़े अंतराल पर कई बार फोन की घंटी बजी लेकिन कॉल रिसीव नहीं की गई। जिला मलेरिया अधिकारी का फोन सुबह से नाट रिचेबल बताता रहा।

म्योरपुर सीएससी प्रभारी (Mayorpur CSC Incharge) का कहना था कि उनकी तैनाती पहली नवंबर को हुई है। इसलिए मौतें क्यूं और कैसे हो रही हैं? इस पर वह कुछ नहीं कह सकते। प्रशासनिक अमले में भी इस पर टिप्पणी किए जाने से परहेज किया जाता रहा।

वहीं दुद्धी एसडीएम रमेश कुमार का कहना था कि पीड़ितों के उपचार और चेकअप के लिए तीन टीमें लगाई गई हैं। जांच के दौरान जो भी स्थितियां मिली थी और जितनी मौतों की पुष्टि हुई, उसकी रिपोर्ट उनके द्वारा डीएम को सौंपी जा चुकी है।

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