Sonbhadra Rape Case: दुष्कर्मी को मिली 10 साल की सजा, साढ़े 17 वर्ष पहले 15 वर्षीय बालिका के साथ की थी हैवानियत
Sonbhadra Gang Rape Case: जनपद सोनभद्र में साढ़े 17 साल पहले 15 वर्षीय बालिका के साथ हुए दुष्कर्म का फैसला आया है, जिसमें दुष्कर्म के दोषी को 10 वर्ष और इसमें सहयोग करने वालों को तीन-तीन साल की कैद की सजा सुनाई गई है।
Sonbhadra News: साढ़े 17 वर्ष पूर्व 15 वर्षीय बालिका के साथ हुए दुष्कर्म के मामले में आखिरकार दोषियों को सजा मिल ही गई। सोमवार को अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट (Additional Sessions Judge Court) नम्बर-तीन निहारिका चौहान की अदालत की तरफ से आए फैसले में जहां दुष्कर्म के दोषी अनिल को दोषसिद्ध पाकर 10 वर्ष की कैद और 28 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई गई।
वहीं अर्थदंड (fine) अदा न करने की दशा में एक वर्ष के अतिरिक्त कारावास का भी निर्णय पारित किया गया। वहीं दुष्कर्म के पहले पीड़िता के अपहरण में सहयोग देने वाले 14 अन्य दोषियों को भी तीन-तीन वर्ष के कैद और 8-8 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई गई है। अर्थदंड जमा न करने की दशा में उनके लिए तीन-तीन माह अतिरिक्त कारावास का निर्धारण किया गया है। अर्थदंड जमा होने के बाद उसकी आधी धनराशि पीड़िता को देने का भी आदेश पारित किया गया है।
कुछ यह है पूरा मामला...
अभियोजन कथानक से मिली जानकारी के मुताबिक कोन थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी व्यक्ति ने कोर्ट में धारा 156(3) दंड प्रक्रिया संहिता के तहत प्रार्थना पत्र दाखिल किया और अपनी नाबालिग बेटी का अपहरण कर दुष्कर्म किए जाने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की। आरोप लगाया कि उसकी 15 वर्षीय बेटी को 15 अक्तूबर 2004 को 9 बजे घर में घुसकर कोन थाना क्षेत्र के बागेसोती गांव निवासी अनिल समेत 15 लोग बहला-फुसलाकर ले गए। ले जाने के बाद अनिल ने बेटी के साथ दुष्कर्म किया।
वहीं अन्य की भूमिका इस अपराध में सहयोग करने के रूप में बताई गई। कोर्ट ने कोन पुलिस को मामला दर्ज कर विवेचना का आदेश दिया। इसके आधार पर कोन पुलिस ने अनिल समेत 15 लोगों के विरुद्ध दुष्कर्म सहित अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी। विवेचना पूरी होने के बाद आरोपी बनाए गए अनिल समेत सभी 15 के खिलाफ चार्जशीट न्यायालय में दाखिल कर दी।
दोषी अनिल को 10 वर्ष की कैद और 28 हजार रुपये अर्थदंड की सजा
वहां सुनवाई के दौरान गवाहों, पत्रावली में उपलब्ध कराए गए साक्ष्यों का परीक्षण किया गया। दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की दलीलें भी अदालत ने सुनीं। गवाहों के बयान और पत्रावली का अवलोकन किया। इसके आधार पर दोषसिद्ध पाकर दोषी अनिल को 10 वर्ष की कैद और 28 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर एक वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतने का आदेश पारित किया।
अपहरण मामले में सहयोग देने वाले 14 अन्य भी दोषी करार
वहीं इस मामले में सहयोग देने के लिए अपहरण मामले में आरोपी बनाए गए 14 अन्य दोषी मुरली यादव, कैलाश भुइयां, नरेश भुइयां, सुरेश भुइयां, गोविंद भुइयां, लखन भुइयां, रामा भुइयां, चतुर्गुन भुइयां, गुटुल भुइयां, धनवा देवी, राम आधार भुइयां, नवमी भुइयां, भुनेश्वर भुइयां और लालवा भुइयां को दोषसिद्ध बताते हुए तीन-तीन वर्ष की कैद और आठ-आठ हजार रुपये के अर्थदंड की सजा मुकर्रर की।
अर्थदंड की धनराशि जमा न करने पर तीन-तीन माह की अतिरिक्त कैद भुगतने के लिए कहा। निर्णय में यह भी आदेश पारित किया गया है कि अर्थदंड की जमा होने वाली धनराशि में से आधी धनराशि पीड़िता को प्रदान की जाएगी। अभियोजन पक्ष की तरह से मामले की पैरवी शासकीय अधिवक्ता सत्यप्रकाश त्रिपाठी ने की।
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