गांव में कोरोना से निपटने को गठित होगा स्वयंसेवी बल

नोवेल कोरोना वायरस व अन्य महामारी को पटखनी देने के लिए गांव में समितियां सक्रिय की जाएंगी। साथ ही ग्रामीण स्वयंसेवी बल का भी गठन किया जाएगा। इसमें स्वयं सेवकों को शामिल किया जाएगा, जो जन स्वास्थ्य और अकाल या अन्य विपत्ति को रोकने के मामले में पंचायत की सहायता करेंगे।

Update: 2020-04-04 21:39 GMT

कन्नौज: नोवेल कोरोना वायरस व अन्य महामारी को पटखनी देने के लिए गांव में समितियां सक्रिय की जाएंगी। साथ ही ग्रामीण स्वयंसेवी बल का भी गठन किया जाएगा। इसमें स्वयं सेवकों को शामिल किया जाएगा, जो जन स्वास्थ्य और अकाल या अन्य विपत्ति को रोकने के मामले में पंचायत की सहायता करेंगे। गांव में महामारी से निपटने की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत की तय की गई है। खर्च के लिए ग्राम कोष धनराशि ली जा सकती है।

प्रमुख सचिव मनोज सिंह ने इस बाबत सूबे के सभी डीएम और डीपीआरओ को पत्र भी जारी कर दिया है। उन्होंने कहा है कि महामारी से निपटने के लिए ग्राम पंचायत के सभी वार्ड सदस्यों व स्वास्थ्य एवं कल्याण समिति को सक्रिय करना पहली जरूरत है। अगर ऐसा संभव न हो तो महामारी बचाव व समन्वयन समिति का गठन किया जाए। उत्तर प्रदेश पंचायत राज नियमावली के नियम 49 के तहत विशेष परिस्थितियों में पंचायत को अलग से कार्यकारी समिति बनाने का भी जिक्र है।

प्राथमिकता पर प्रधान अपनी अध्यक्षता या किसी सक्रिय सदस्य के नेतृत्व में इसे गठित करेंगे। पंचायत स्तर पर इसमें स्वास्थ्य, शिक्षा व ग्रामीण विकास विभाग के कार्यकर्ताओं व कर्मचारियों को शामिल किया जाएगा। ग्राम पंचायत में अगर अन्य मजरे या पुर्वा हैं तो जरूरत के अनुसार उप समितियां भी बनाए जाने को कहा गया है।

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महामारी से बचाव की पूरी जानकारी होनी जरूरी

समिति में शामिल हर सदस्य को महामारी, बीमारी व बचाव की पूरी जानकारी होनी चाहिए। इसे गांव वालों से भी साझा किया जाएगा। जरूरी हेल्पलाइन नंबरों व जिले के नोडल अधिकारियों का नंबर भी यह लोग रखेंगे। रोगों के रोकथाम के लिए लोगों को सदस्य जागरूक करेंगे। समय-समय पर शासन के निर्देशों व आदेश को जनता के बीच भी बताया जाएगा।

गांव में इस पर भी रहेगा फोकस

समितियों व प्रधानों से कहा गया है कि दुकान पर भीड न लगे। जगह-जगह चैपाल को रोका जाए। खुले में शौच को पूरी तरह प्रतिबंधित किया जाए। हैंडपंप का हैंडल साबुन से धुलवाया जाए। कोटेदार, किराना, सब्जी की दुकान आदि का उपयोग करने से पहले अच्छे से सेनेटाइज किया जाए।

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इनका रखा जाएगा ब्योरा

दूसरे राज्य से गांव आने वालों का पूरा ब्योरा रखा जाएगा। उनकी मेडिकल जांच भी कराए जाने का जिक्र किया गया है। ऐसे लोगों को 14 दिन साफ स्थान पर सरकारी स्थल आदि पर रखने को कहा गया है। इसके लिए जरूरी वस्तुओं की व्यवस्था व निगरानी करने की जिम्मेदारी भी दी गई है।

रसोइया, आंगनबाडी व सहायिकाओं की जिम्मेदारी

गांव के भूमिहीन, अति गरीब, मजदूरी पर आश्रित, महिला मुखिया, दिव्यांग परिवारों की सूची और सामुदायिक सहयोग या सरकारी योजनाओं से परिवारों को लाभ दिलाया जाएगा। स्वयं सहायता समूहों का सहयोग भी लेने को कहा गया है। सामुदायिक रसोईघर से आईसोलेट किए गए व्यक्तियों को नियमित भोजन दिया जाएगा। साथ ही कहा गया है कि रसोइया, आंगनबाडी, सहायिका व स्वयं सेवक भोजन बनाने के साथ ही वितरण में भी सहयोग करेंगे। किचन से जो लोग भोजन करेंगे उनका पूरा ब्योरा रखा जाएगा।

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क्या बोले डीपीआरओ

डीपीआरओ जेके मिश्र ने बताया कि शासनादेश मिल गया है। प्रधानों व सचिवों को भेज दिया गया है। प्रमुख सचिव के आदेशों का पालन कराने को कहा गया है।

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