DM और ग्राम प्रधान संगठन के बीच छिड़ी जंग, संकट में मनरेगा मजदूर
कोविड 19 वैश्विक महामारी के चलते देश में लाॅकडाऊन के चलते गरीब मजदूरों के समक्ष आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है। इससे निपटने के लिए उत्तर प्रदेश की सरकार मनरेगा योजना के तहत मजदूरों को काम देकर उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के प्रयास में लगी है।
जौनपुर: कोविड 19 वैश्विक महामारी के चलते देश में लाॅकडाऊन के चलते गरीब मजदूरों के समक्ष आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है। इससे निपटने के लिए उत्तर प्रदेश की सरकार मनरेगा योजना के तहत मजदूरों को काम देकर उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के प्रयास में लगी है। लेकिन प्रदेश के जौनपुर जिले में जिला प्रशासन के शीर्ष अधिकारी और प्रधान संगठन के जिलाध्यक्ष के बीच ग्राम प्रधानों के मामलो को लेकर तनातनी के कारण सरकार के सपनों पर पानी फिर सकता है।
बता दें कि वर्तमान जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह जिले में जिलाधिकारी का कार्यभार ग्रहण करने के बाद से अब तक लाॅकडाऊन के दौरान भी लगभग 8 ग्राम प्रधानों को गरीब मजदूरों की शिकायत पर बगैर जांच कराए ही मुकदमा दर्ज कराकर जेल भेज दिये हैं। इस मामले को लेकर राष्ट्रीय पंचायती राज ग्राम प्रधान संगठन के जिलाध्यक्ष मनोज कुमार यादव ने जिले में अपने साथ सभी 1749 ग्राम प्रधानों को साथ होने का दावा करते हुए एलान कर दिया कि जब तक दिनेशकुमार सिंह जिले में जिलाधिकारी पद पर आसीन रहेंगे तब तक कोई भी प्रधान मनरेगा का काम नहीं करायेगा। इस आशय का शिकायती पत्र भी प्रदेश सरकार के ग्राम्य विकास मंत्री एवं प्रमुख सचिव, निदेशक मनरेगा तथा आयुक्त व संगठन के प्रदेश अध्यक्ष एवं महामंत्री को भेज कर जंग का एलान कर दिया।
यह भी पढ़ें...अलर्ट जारी! आने वाले हैं 163 चक्रवाती तूफान, IMD ने बताए इनके नाम
इसके बाद जिलाधिकारी ने भी प्रधान संगठन के जिलाध्यक्ष का जबाब देने का निर्णय लेते हुए अखिल भारतीय प्रधान संघ से दिनेश कुमार मिश्रा ग्राम सभा गंगापुर, सुजानगंज, मछली शहर बतौर जिलाध्यक्ष जिलाधिकारी से मिले और बाद में मीडिया से कहा कि असली प्रधानों के जिलाध्यक्ष हम हैं और मनरेगा का काम होगा। जिलाधिकारी से बात हो गयी है।
इसके बाद 28 अप्रैल को जिलाधिकारी अपने लाव लश्कर के साथ बक्शा एवं सिकरारा ब्लाक के बीबीपुर, भिऊरहा गोपालपुर उमरछा बबुरा गांवो में जाकर मनरेगा का काम होते देखा और वहीं पर वीडियो को यह भी कहा कि मनोज फ्राॅड है कोई अध्यक्ष नहीं है आप काम करायें।
यह भी पढ़ें...बड़ी खबर, 787 छात्रों का पहला जत्था पहुंचा अम्बेडकरनगर
इस घटना के बाद राष्ट्रीय पंचायत राज ग्राम प्रधान संगठन के जिलाध्यक्ष मनोज कुमार यादव फिर मैदान में आ गये और एक पत्र जारी करते हुए कहा कि हमारा राष्ट्रीय पंचायती राज ग्राम प्रधान संगठन तो गवर्नमेंट आफ एनसीटी दिल्ली से रजिस्टर्ड है जिसका नंबर 63962/2008 है, लेकिन अखिल भारतीय प्रधान संघ कहीं भी रजिस्टर्ड नहीं है। यह पूरी तरह से फर्जी है और जिलाधिकारी द्वारा प्रायोजित है।
फिर मनोज कुमार यादव ने कहा कि सभी प्रधान हमारे साथ हैं और जिले में मनरेगा का काम तभी शुरू होगा जब प्रधानों का सम्मान होगा। जितने प्रधानों के खिलाफ मुकदमा दर्ज है वह वापस होगा। जिलाध्यक्ष के रूप में मनोज कुमार यादव ने दावा किया है कि प्रदेश अध्यक्ष एवं महामंत्री इस मुद्दे को लेकर सरकार में बातचीत कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हम प्रधानों के सम्मान की रक्षा के अपने अन्तिम सांस तक जिलाधिकारी के गलत निर्णय एवं कृत्यों के खिलाफ लड़ते रहेंगे।
यह भी पढ़ें...यूपी पुलिस पर हमला: फिर चले ताबड़तोड़ पत्थर, नहीं मान रहे उपद्रवी
इस तरह जिलाध्यक्ष एवं जिलाधिकारी के बीच जो अहंकार को लेकर जंग छिड़ी हुई है यदि उसका जल्द से जल्द कोई हल नहीं निकला तो निश्चित रूप से इस जनपद में सरकार की मंशा पर पानी फिरना तय माना जा रहा है। इसका खामियाजा मजदूरों को भुगतना पड़ सकता है। अब देखना यह है कि सरकार जिले की इस समस्या का समाधान कब तक और कैसे करती है।