Weather Effect in UP: राजधानी, शताब्दी सहित 69 ट्रेनें सात घंटे तक चौतरफा रूटों पर फंसी, बारिश ने बिगाड़ा शेड्यूल

Weather Effect in UP: मौसम ने पहली बारिश में ही सारी व्यवस्था को बिगाड दिया। कुछ घंटों की बारिश में रेलवे की 69 ट्रेनें प्रभावित हुई।

Update: 2023-06-22 12:33 GMT
Weather Effect in UP (Image: Social Media)

Weather Effect in UP: मौसम की करवट बदलते बुधवार की रात से शुरू हुई झमाझम बारिश से ट्रेन संचालन बुरी तरह प्रभावित हो गया। सेंट्रल स्टेशन के दिल्ली औऱ हावड़ा साइड ट्रैक किनारे जलभराव से लाइन चेंज प्वाइंट और सिग्नल बक्शे जलमग्न हुए तो ट्रेन संचालन पूरी तरह ठप हो गया। रेलवे इंजीनियर और परिचालन दल रात में ही मौके पर पहुंचा। घंटों मशक्कत के बाद तीन प्लेटफार्मों से संचालन शुरू कराया। रात 23.49 से गुरुवार सुबह 7.24 बजे तक एक-एक करके कॉशन देकर ट्रेन संचालन शुरू कराया गया।

इस वजह से सात घंटे तक संचालन रुक-रुक हुआ तो राजधानी सहित 69 ट्रेनें आधे से सात घंटे विलंब से आकर गई। यह समस्या गुरुवार दोपहर बाद तक रही। इससे हजारों लोग ट्रेनों में ही बैठने को मजबूर रहे। सुबह से शाम तक 3087 ने लेतलतीफी के चलते टिकट निरस्त कराए, जबकि 467 को कनेक्टिंग आरक्षण की वजह से दूसरी ट्रेनों से भेजा गया। स्टेशन अधीक्षक अनिल तिवारी, एसीएम संतोष त्रिपाठी सहित परिचालन के अफसर रात से सुबह तक ट्रेन संचालन को लेकर सक्रिय रहे।

ये प्रमुख ट्रेनें फंसी

शिवगंगा एक्सप्रेस,मड़ुआडीह एक्सप्रेस, मऊ-आनंदविहार एक्सप्रेस, श्रमशक्ति एक्सप्रेस, प्रयागराज एक्सप्रेस, सियालदह, हावड़ा, कोलकाता, डिब्रूगढ़, पटना और भुवनेश्वर राजधानी, सियालदह दुरंतो एक्सप्रेस, स्वर्ण शताब्दी और कानपुर शताब्दी, रीवा एक्सप्रेस, स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस सहित 69 ट्रेनें फंसी रही।

सब कुछ हुआ बेपटरी

बारिश की वजह से ट्रेन संचालन तो बेपटरी हुआ ही, इसके अलावा इंक्वायरी सिस्टम भी रात दो बजे बेपटरी हो गया क्योंकि ट्रेनों के आगमन और प्रस्थान की सही जानकारी नहीं मिल पा रही थी। मड़ुआडीह एक्सप्रेस और लिच्छवी से दिल्ली जाने वाले रामेश्वर सिंह ने शिकायत दर्ज कराई कि रात से ट्रेनों की जानकारी ले रहे हैं पर कोई सही जानकारी नहीं मिली है। बारिश की वजह से प्लेटफार्मों पर कीचड़ से भी आम लोग परेशान हुए। चायपान के स्टालों पर भी सामान कम सा हो गया।

ट्रैक का भर गया पानी

नगर निगम की चूक का खामियाजा गुरुवार को लाखों यात्रियों ने भुगता। हुआ यूं कि पिछले छह महीने से रेलवे अफसरों ने नगर निगम और जलकल के अफसरों संग जलभराव को लेकर बैठकें की। कई पत्र लिखे पर नगर निगम ने सिटी साइड के नाले की न तो सफाई कराई और न ही मेंटीनेंस। बीते बुधवार की रात झमाझम बारिश से सेंट्रल स्टेशन के ट्रैक के दोनों ओर जलभराव हुआ। इसकी वजह से राजधानी सहित कई ट्रेनों के लाखों यात्री घंटों फंसे रहे। रेलवे इंजीनियर, डिप्टी सीटीएम, एसीएम सहित कई अफसरों ने छह महीने में कई बार गुजारिश भी की पर समस्या हल न हुई। अब रेलवे ने एक बार फिर बारिश के पहले समस्या हल करने का रिमाइंडर नगर निगम को भेजा है।

छह घंटे में छह बसें गईं, प्लेटफार्मों पर न मिली बसें

बुधवार की रात से गुरुवार की सुबह तक रुक-रुक कर हुई बारिश का असर झकरकटी बस अड्डे पर पड़ा। इसका अंदाजा इसी से लगा कि सुबह चार से दस बजे के बीच छह बसें ही लखनऊ, आगरा औऱ पूर्वांचल के रूटों पर गई। इसकी वजह यह रही कि यात्री ही बस अड्डों पर न पहुंचे। झकरकटी बस अड्डा परिसर टापू बन गया। बाकी कमी मेट्रो कार्य से पूरी हुई। इस वजह से झकरकटी बस अड्डे पर रूटवार तय प्लेटफार्मों पर यात्री ही वहां तक जलभराव की वजह से न पहुंच सके। रोडवेज अफसरों ने बताया कि गुरुवार को यात्री लोड घटकर 40 फीसदी ही रहा।

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