Weather Effect on Mango: दशहरी की खूबसूरती और स्वाद खा गई गर्मी, मौसम से फसल हुई प्रभावित

Weather Effect on Mango: मौसम के उतार-चढ़ाव की वजह से दशहरी आम की फसल प्रभावित हुई। मौसम विज्ञानी बोले-सीजन के हर फल में प्रतिकूल मौसम का असर दिख रहा है।

Update:2023-06-12 18:33 IST
Image: Social Media

Weather Effect on Mango: मौसम के उतार-चढ़ाव ने फलों के राजा आम पर संकट खड़ा कर दिया। सीजन की गर्मी दशहरी की खूबसूरती खा गई। इसमें झुर्रियां पड़ चुकी हैं। चेपी अधिक निकलने से कालापन आ गया, जिसने इसकी मिठास को कम कर दिया है। आम ही नहीं, प्रतिकूल मौसम का असर अन्य फलों पर भी दिख रहा है।

चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) के मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक फरवरी से अब तक हुए मौसम में उतार-चढ़ाव का सर्वाधिक असर फलों पर पड़ा है। विश्वविद्यालय के हॉर्टिकल्चर (उद्यान) और कीट विज्ञान विभाग का मानना है कि सीजन के हर फल पर स्पष्ट असर नजर आ रहा है।

दशहरी में दिख रहे कई बदलाव

आमतौर पर दशहरी आम चमकदार, ऊपर से हार्ड, हल्का पीलापन दर्शाता है। इस बार गहरा हरा और अजीब से पीले रंग का है। झुर्रियां पड़ी हैं। कई हिस्सों पर काले धब्बे पड़े और छोटा भी है। देखने में दशहरी से बिल्कुल अलग है। दशहरी की अपनी मिठास होती थी लेकिन इस बार दबने जैसा पिचपिचा और मिठास कम है।

अन्य फलों पर भी असर

आम के साथ-साथ नींबू भी काफी छोटा रह गया है। देसी नींबू का आम तौर पर साइज मध्यम या बड़ा हुआ करता है। बाजार में जो लीची दिख रही है उसमें ज्यादातर का रंग ही गहरा नहीं है। पीलापन संग मिठास में भी कमी है। तरबूज पर भी गर्मी का असर पड़ा है। यह अंदर से खराब होने लगा है। खरबूजा की भी मिठास गायब हो गई है।

इन कारणों से पड़ा असर

- समय पर अधिक तापमान न होना और सामान्य से भी कम रहना
- बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि होना, लू का समय पर न चलना
- फसलों के लिए प्रतिकूल मौसम, किसानों का समय से सिंचाई न कर पाना

क्या कहते हैं विशेषज्ञ

प्रो. वीके त्रिपाठी विभागाध्यक्ष हॉर्टिकल्चर विभाग सीएसए बारिश न होने से आम बढ़ नहीं पा रहा जिससे फल में झुर्रियां पड़ गई हैं। बारिश होते ही दशहरी में बदलाव दिखेगा। फल एक-दो दिन में नहीं पकता। इस बार वातावरण में नमी अधिक रही है। इस कारण कीट प्रभावी हुए हैं। फ्रूट फ्लाई का भी असर सामने आ रहा है। मौसम विज्ञानी डॉ. एसएन सुनील दुबे का कहना है कि दिसंबर 2022 से जून 2023 तक रहे मौसम को अबूझ पहेली कहा जा सकता है। ऐसे प्रतिकूल मौसम में आम ही नहीं फल, सब्जी व अन्य फसलें भी प्रभावित हुई हैं।

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