High Tension Wire: क्या होता है हाईटेंशन तार, करंट की चपेट में आते ही हो जाती है मौत, पास से गुजरना भी हो सकता है खतरनाक

High Tension Wire: सबके मन में यह सवाल जरूर आता है कि आखिर हाई वोल्टेज तार में कितने केवी का करेंट दौड़ता है। बता दें कि प्रत्येक हाईटेंशन तारों में करेंट का प्रवाह अलग-अलग होता है। सामान्य तौर पर हाईटेंशन तार में 400 से 800 केवी तक करेंट होता है।

Update:2023-07-16 17:38 IST
What is high tension wire how much current in high tension wires Know all facts about high it (Photo-Social Media)

High Tension Wire: बारिश के मौशम में हाईटेंशन तार गिरने से कई लगों की जाने जाती हैं। अभी हाल ही में कांवड़ यात्रियों पर हाईटेंशन तार गरिने से कई कांवड़ियों को दर्दनाक मौत हो गई। इसके अलावां मूर्ति विसर्जन के दौरान भी हाई टेंशन तार की चपेट में आने के बाद कई लोगों नें जान गंवांई है। ऐसे में हाई टेंशन तार को लेकर लोगों के मन में कई सवाल उत्पन्न होने लगा है कि-इसमें कितने वाट का करेंट होता है कि चपेट में आने वाले की जान चली जाती है। ये तार इतना ही खतरनाक है तो इसे ऐसी जगहों पर क्यों लगाया जाता है कि इस तरह की घटना हो। माना जाता है कि हाई टेंशन तार दूर से ही झटका देता है। आज इस लेख में हम इससे जुड़े कुछ प्रमुख तथ्यों के बारे में पढ़ेंगे।

तार की चपेट में आने के बाद मौत पक्की

हाई वोल्टेज तार अपने आस-पास के क्षेत्रों में इलेक्ट्रिक फील्ड बना लेते हैं, इसके बाद उन क्षेत्रों की हवाओं में भी करेंट का प्रवाह शुरू हो जाता है। वैसे सामान्य तारों में करेंट तारों तक ही सीमित रहता है। हवा में इसका प्रवाह नहीं होता है। लेकिन अधिक वोल्ट का करंट प्रवाहित होता है तो हवा के मॉलिक्यूल्स कमजोर पड़ जाते हैं और तार के अगल बगल हवा में करंट पैदा हो जाता है। इसके चपेट में आने वाले वायक्ति की मौत पक्की होती है यदि वह किसी कारम वस बच भी जाता है तो शारीरिक रूप से अपंग हो जाता है। ऐसा सीर्फ हाई टेंशन तारों में ही होता है। इसमें हाई वोल्टेज करेंट के कारण आस-पास इलेक्कट्रिक फील्ड जनरेट हो जाता है। बारिश के मौसम में नमी होने के कारण अधिक दूर तक इलेक्ट्रिक फील्ड फैल जाता है। यही कारण है कि बारिश के मौसम मे इस तरह की घटनाएं ज्यादा सुनने को मिलती है। यही करम है कि हाई टेंशन तार काफी उंचाई पर लगाए जाते हैं। इसका खंभा भी काफी उंचा होता है। लेकिन कभी-कभी तेज आंधी के चलते नीचे गिरने से बड़ा हादसा हो जाता है।

हाई वोल्टेज तार की ऊंचाई

प्रवाहित हो रहे करेंट के अनुसार खंभे की ऊंचाई रखी जाती है। जिसमें जितना अधिक करेंट का प्रवाह होता है उस खंभे को उतना ही अधिक ऊंचा रखा जाता है। इसके अलावा खंबे की ऊंचाई वहां के भूगोल, पहाड़ी क्षेत्र, मैदानी क्षेत्र और पानी आदि के अनुसार भी तय किया जाता है। लेकिन इसमें से करेंट का प्रवाह अहम है। 33 केवी के लाइन के लिए खंभे की ऊंचाई 8 से 10 मीटर। 66 केवी लाइन के लिए खंभे की ऊंचाई 12 से 18 मीटर। 132 केवी लाइन के लिए खंभे की ऊंचाई 18 से 25 मीटर। 220 केवी लाइन के लिए खंभे की ऊंचाई 25-35 मीटर। 400 केवी लाइन के लिए खंभे की ऊंचाई 35 से 50 मीटर। जबकि 700 केवी और इससे ज्यादा के लाइनों के लिए 45 मीटर ऊंचे खंभे प्रयोग में लाए जाते हैं।

हाई वोल्टेज तार में विद्यूत का प्रवाह

सबके मन में यह सवाल जरूर आता है कि आखिर हाई वोल्टेज तार में कितने केवी का करेंट दौड़ता है। बता दें कि प्रत्येक हाईटेंशन तारों में करेंट का प्रवाह अलग-अलग होता है। सामान्य तौर पर हाईटेंशन तार में 400 से 800 केवी तक करेंट होता है।

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