कुंभ: प्रयागराज में आज भी है वह मंदिर जहां सबसे पहले हुई थी भगवान गणेश की पूजा

ये मंदिर आज भी अपने आदि रूप में विद्यमान है। सनातन धर्म की मान्यतानुसार किसी भी कार्य के आरम्भ में सबसे पहले गणेश जी की पूजा की जाती है। विघ्न विनाशक गणपति की आराधना का प्रथम केंद्र होने के चलते इस मंदिर का विशेष महत्व है और यहां साल भर भक्तों का तांता लगा रहता है।

Update:2019-01-20 14:07 IST

प्रयागराज: प्रयाग में गणपति पूजा में भक्ति के अनूठे रंग देखने को मिलेंगे। लेकिन कम लोग ही जानते होंगे कि पृथ्वी पर सबसे पहले गणपति की पूजा कहां हुई।

ये भी पढ़ें— ऐतिहासिक फैसला: इस बार कुंभ में होगी कैबिनेट मीटिंग, मंत्री लगायेंगे संगम में डुबकी

शास्त्रों के मुताबिक जब प्रजापति ब्रम्हा ने सृष्टि की रचना की तो त्रिदेव ब्रम्हा, विष्णु व महेश ने साथ मिलकर प्रयाग यानी आज के इलाहाबाद में गंगा तट पर स्थित दशाश्वमेघ घाट पर आदि गणेश के मंदिर की स्थापना की थी।

ये भी पढ़ें— कुंभ में प्रत्यक्ष दिख रहा भारतीय संस्कृति का दर्शन: सीएम योगी

ये मंदिर आज भी अपने आदि रूप में विद्यमान है। सनातन धर्म की मान्यतानुसार किसी भी कार्य के आरम्भ में सबसे पहले गणेश जी की पूजा की जाती है। विघ्न विनाशक गणपति की आराधना का प्रथम केंद्र होने के चलते इस मंदिर का विशेष महत्व है और यहां साल भर भक्तों का तांता लगा रहता है।

ये भी पढ़ें—कुंभ मेला 2019 : कुंभ में अपनाएं कल्पवासी जीवनशैली, नहीं पनपेंगी शरीर में कोई बीमारियां

प्रयाग में रहने वाले तमाम लोग अपने दिन की शुरूआत आदि गणेश के दर्शन से करते हैं। यहां सुबह-शाम गणेश जी का श्रृंगार सोने-चांदी के आभूषण से होता है।

Tags:    

Similar News