जानिए आखिर क्यों शिक्षकों को रास नहीं आ रही है ऑनलाइन सेल्फी से उपस्थिति?
प्रेरणा ऐप के माध्यम से शिक्षक शिक्षिकाओं की सेल्फी के द्वारा ऑनलाइन उपस्थिति का विरोध करते हुए मोहनलालगंज के सांसद कौशल किशोर ने बेसिक शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया।
लखनऊ : प्रेरणा ऐप के माध्यम से शिक्षक शिक्षिकाओं की सेल्फी के द्वारा ऑनलाइन उपस्थिति का विरोध करते हुए मोहनलालगंज के सांसद कौशल किशोर ने बेसिक शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया।
इस मामले में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से वार्ता कर इस प्रक्रिया को निरस्त कराएंगे।
सांसद कौशल किशोर ने बेसिक शिक्षा अधिकारी लखनऊ को फोन करके तुरंत ऑनलाइन सेल्फी के माध्यम से उपस्थिति बंद कराने तथा शिक्षकों पर दबाव ना डालने को कहा।
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प्रेरणा ऐप को लेकर शिक्षकों में नाराजगी
शिक्षकों के प्रतिवेदन पर मुख्यमंत्री तथा प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर इस पूरी प्रक्रिया से अवगत कराया।
बेसिक शिक्षा परिषद में प्रेरणा ऐप के माध्यम से भेजी जाने वाली सेल्फी का विरोध करते हुए शिक्षक व शिक्षिकाओं ने मिलकर कौशल किशोर सांसद लखनऊ को सर्वजन हिताय संरक्षण समिति के माध्यम से ज्ञापन प्रस्तुत किया।
प्रेरणा ऐप के माध्यम से भेजी जाने वाली महिलाओं की सेल्फी अपमानजनक और निजता के अधिकार का हनन करने वाली है अतः इसे बंद करना चाहिए।
कौशल किशोर ने आश्वासन दिया कि इस प्रेरणा एप से जाने वाली सेल्फी से शिक्षकों की मान मर्यादा को सामाजिक रूप से आघात पहुंच सकता है, जो समाज में विद्वेष पैदा करेगा।
उन्होंने कहा अगर शिक्षा विभाग को शिक्षकों के प्रति इतना ज्यादा अविश्वास व्याप्त है तो वह हर विद्यालय में बायोमेट्रिक प्रणाली के द्वारा हाजिरी सुनिश्चित करें, ना की शिक्षकों को दबाव बनाकर उनके ही मोबाइल से उन्हें की सेल्फी प्रेरणा ऐप के माध्यम से भेजना।
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उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा से की ये मांग
इस प्रकरण में उन्होंने उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा से बात कर इसे तत्काल रोकने तथा शिक्षकों पर दबाव न बनाने को कहा।
उन्होंने सर्वजन हिताय संरक्षण समिति के माध्यम से अगर शिक्षक एकजुट हो तो सामूहिक हस्ताक्षर द्वारा जल्द ही ज्ञापन देकर, सीधे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस मामले में हस्तक्षेप कराने वह इसके नकारात्मक पहलू बताते हुए इसे रुकवाने का आश्वासन दिया।
सर्वजन हिताय संरक्षण समिति के तत्वाधान में शिक्षकों ने कहा प्रेरणा एप के द्वारा सेल्फी भेज कर हाजिरी दर्ज कराने से परिषद की शिक्षिकाएं व जूनियर हाई स्कूल की बच्चियां इंटरनेट के इस युग में सुरक्षित नहीं हैं तथा समाज में इस तरह की गतिविधि से अव्यवस्था व्याप्त हो सकती है अतः हाजिरी का माध्यम बायोमैट्रिक होना चाहिए।
लखनऊ बेसिक शिक्षा विभाग के सभी शिक्षक-शिक्षिकाएं अधिकांश बालिकाएं इस प्रकरण में स्वा हस्ताक्षरित सामूहिक प्रत्यावेदन एक सभा के माध्यम से योगी आदित्यनाथ को जल्द ही प्रस्तुत करेंगे।
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