Chitrakoot News: नो इंट्री में स्कूल समय पर बेधड़क गुजर रहे बिना नंबर प्लेट डंपर
Chitrakoot News: इन डंपरों को अगर कहीं पर रोका गया तो उनके आगे-पीछे चलने वाले तुरंत किनारे होकर मिलते हैं और डंपर चंद मिनट के भीतर आगे बढ़ जाते हैं। संचालक अपने डंपरों को शहर से निकालने के लिए बिल्कुल साये की तरह लगे रहते हैं।
Chitrakoot News: शहर के भीतर नो इंट्री के दौरान खासकर उस वक्त जब बच्चे स्कूल के लिए घरों से निकलते हैं, बिना नंबर प्लेट के डंपर बेधड़क जिम्मेदारों के रहमोकरम पर फर्राटा भरते हैं। इन डंपरों को अगर कहीं पर रोका गया तो उनके आगे-पीछे चलने वाले तुरंत किनारे होकर मिलते हैं और डंपर चंद मिनट के भीतर आगे बढ़ जाते हैं। संचालक अपने डंपरों को शहर से निकालने के लिए बिल्कुल साये की तरह लगे रहते हैं।
मुख्यालय कर्वी में भारी वाहनों के लिए नो इंट्री का समय निर्धारित है। रोजाना सुबह साढ़े बजे से रात 10 बजे तक नो इंट्री लगाई गई है। हालांकि बीच में अपरान्ह तीन बजे से चार बजे तक एक घंटे के लिए नो इंट्री खुलती है। इसमें शहर के बाहर सुबह से लाइन लगाकर खड़े काफी ट्रक और डंपर निकल जाते हैं। एक घंटे के लिए खुलने वाली इस नो इंट्री से शायद किसी को ऐतराज नहीं है। क्योंकि कारोबारियों का भी मानना है कि अगर समय से गाडियां प्लांट में नहीं पहुंचेंगी तो व्यवसाय बाधित होगा। इसके साथ ही सरकार को राजस्व की क्षति भी होगी। इधर सुबह जब स्कूलों का समय होता है और बच्चों को लेकर स्कूल वैन व बसें निकलती हैं तो उस समय पूरी तरह भारी वाहनों के शहर में प्रवेश पर सख्त पाबंदी है। लेकिन इस पाबंदी का असर नहीं दिख रहा है। क्योंकि जिम्मेदारों के रहमोकरम पाबंदी को ठेंगा दिखाया जा रहा है। शुक्रवार को ही सुबह करीब साढ़े सात बजे बिना नंबर प्लेट के गिट्टी से लदा डंपर गुजरा तो ट्राफिक चौराहे में तैनात दो सिपाहियों ने उसे रोक लिया। डंपर रुकते ही पीछे से आए बाइक सवार ट्रक संचालक ने सिपाहियों से कुछ कानाफूसी की और डंपर आगे बढ़ गया। उसके पीछे तीन डंपर और निकले, इन डंपरों के संचालक भी वहीं चौराहे पर जमे हुए थे। इनको किसी ने नहीं रोका। हद इस बात है कि जिम्मेदार चेकिंग के नाम पर अक्सर एक-दो फोटो सोशल मीडिया में वायरल कर उच्चाधिकारियों के सामने खुद की मुस्तैदी को प्रदर्शित करते हैं।
अभियान के बावजूद नहीं लग पाई नंबर प्लेंटे
खास बात यह तो यह है कि ज्यादातर डंपरों में नंबर प्लेट ही नहीं लगी है। अगर किसी ने नंबर प्लेट लगवाई भी है तो उसके एक-दो अंक मिटा दिए है। पिछले एक माह से नंबर प्लेट लगवाने के नाम पर अभियान चल रहा है, जिस अभियान को पुलिस, यातायात व परिवहन विभाग संयुक्त तौर पर चला रहे हैं। फिर भी इन डंपरों में नंबर प्लेंटें नहीं लग पाई है। इसके पीछे संचालकों की मंशा यह है कि अधिकारी डंपरों का चालान नहीं कर पाते हैं। इसके अलावा हादसे होने पर आसानी से डंपर बच जाते हैं। वहीं दूसरी ओर कुछ असरदारों के डंपर तो दिन भर बेधड़क निकलते हैं, जिनको रोकने के बजाय जिम्मेदार उनके निकलते समय मोबाइल चलाने लगते हैं।
बगैर नंबर प्लेट के दो ट्रक सीज
यातायात पुलिस व परिवहन विभाग की संयुक्त रूप से भारी वाहनों की जांच यातायात प्रभारी मनोज कुमार व पीटीओ संतोष कुमार ने बिना नंबर प्लेट व बिना कागजात के दो खनिज लदे ट्रकों को सीज किया है।
बोले जिम्मेदार
एसपी वृंदा शुक्ला ने कहा कि हाल ही में निर्णय लिया गया था कि नो एंट्री रात को 10 बजे तक नहीं खोली जाएगी। क्योंकि गर्मी में लोग लंबे समय तक बाहर घूमते रहते हैं। इसलिए ट्रकों का सीमाओं पर लंबा जाम रोकने के लिए दोपहर तीन बजे से चार तक जब सभी स्कूल-कॉलेज के छात्र वापस अपने घर पहुंच गए होते हैं, उतनी अवधि के लिए नो एंट्री प्रयोग के तौर पर खोली जा रही है। अगर इसके अतिरिक्त ट्रकों का मूवमेंट पाया जा रहा है तो उसके विरुद्ध तुरंत कार्रवाई की जाएगी।