'विश्व तितली-गौरैया सप्ताह 2019': आयोजित हुई कार्यशाला
इस मौके पर विश्वविद्यालय परिसर में एक कार्यशाला आयोजित हुई, जिसमें अलग अलग स्कूलों के 60-70 बच्चे अपने टीचर्स के साथ शामिल हुए। और तितलियों एवं गौरैया के विषय पर जानकर, दूसरों को भी इसके बारे में जागरूक करने का प्रण लिया।;
शाश्वत मिश्रा
लखनऊ: 'तितली' कीट वर्ग का सुन्दर रंग बिरंगे रंग का कीट है, यह पुष्पों में परागण करने में मुख्य भूमिका निभाता है, लेकिन पेड़ों के कटाव के कारण इनकी संख्या घटती जा रही है, एवं 'गौरैया' जो कि घरेलू चिड़िया है यह मानव आवास में ही अपना घर बनाती है, पर पक्के घरों एवं शहरीकरण के कारण पिछले कुछ वर्षों से इनकी संख्या में भी भारी कमी आयी है, इन दोनों विषयों को ध्यान में रखकर हम हर वर्ष 14 मार्च को 'विश्व तितली एवं गौरैया' दिवस मनाते हैं, और इनके बारे में लोगों को जागरूक करने का काम करते हैं।
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विश्व तितली एवं गौरैया सप्ताह2019 के मौके पर इंस्टीट्यूट फॉर वाइल्डलाइफ साइंसेज, ओ.एन.जी.सी. सेन्टर फॉर एडवांस्ड स्टडीज, यूनिवर्सिटी ऑफ लखनऊ, डिपार्टमेंट ऑफ जूलॉजी, लखनऊ यूनिवर्सिटी ने यूपी स्टेट बायोडाइवर्सिटी बोर्ड के साथ और नवाब वाजिद अली शाह जूलोजिकल गार्डन के साथ, 'विश्व तितली एवं गौरैया सप्ताह' का आयोजन कर रहे हैं। जिसकी शुरुआत गुरुवार से हो गयी है और यह 20 मार्च तक चलेगा।
गुरुवार को इस मौके पर विश्वविद्यालय परिसर में एक कार्यशाला आयोजित हुई, जिसमें अलग अलग स्कूलों के 60-70 बच्चे अपने टीचर्स के साथ शामिल हुए। और तितलियों एवं गौरैया के विषय पर जानकर, दूसरों को भी इसके बारे में जागरूक करने का प्रण लिया।
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इंस्टीट्यूट फॉर वाइल्डलाइफ साइंसेज, पिछले दस वर्षों से लगातार इसका आयोजन करता है, और इसके बारे में लोगों को जागरूक करता है। इस मौके पर इंस्टीट्यूट फॉर वाइल्डलाइफ साइंसेज की प्रो. अमिता कनौजिया ने हमे बताया,' कि वह 15 मार्च(शुक्रवार) से लेकर 19 मार्च(बुधवार) तक शहर में अलग अलग जगह 'कार प्रचार' के माध्यम से राजधानी की जनता में इसके प्रति जागरूकता फैलाएंगे जिसमें मेरा साथ मेरे इंस्टीट्यूट के कुछ बच्चे(आदेश कुमार, रूबी यादव, अंकित सिन्हा और आमिर रहमान) देंगे।'