लखनऊ। आजकल की भागदौड़ जीवन शैली में आम लोगों का अपने स्वास्थ पर कोई खास ध्यान नहीं रहता है। यही कारण है, कि कई गंभीर बीमारियां समय से पहले ही लोगों को घेर लेती हैं। बच्चों से लेकर युवा तबका सभी इसके शिकार हो रहे हैं। हमारी आदत बनी हुई है कि जरा सा कुछ शरीर में दिक्कत हो तो दवाईयों का सहारा ले लेते हैं। लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि लोगों को दवाएं खाने से बचना चाहिए। योग व प्राकृतिक पद्धति अपनाकर लोग बिना दवा का सेवन किए स्वस्थ रह सकते हैं।
एक घंटे करें मेहनत
यूपी नेचुरोपैथी एंड योगा टीचर्स एवं फिजीशियन एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ अमरजीत यादव ने कहा कि लोगों को अपनी जीवन शैली पर ध्यान देने की आवश्यकता है। उनके मुताबिक, दैनिक दिनचर्या में लोगों को कम से कम एक घंटा शारीरिक व्यायाम व योगाभ्यास करना चाहिए। एक घंटे की मेहनत से कई प्रकार की बीमारियां दूर हो जाती हैं। अध्यक्ष डॉ अमरजीत यादव दवाओं के सेवन कम करने की सलाह देते हैं।
विधायक सतीश शर्मा ने कहा करेंगे प्रयास
यूपी नेचुरोपैथी एंड योगा टीचर्स एवं फिजीशियन एसोसिएशन के तत्वाधान में बुधवार को योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा सम्मेलन का आयोजित किया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे बाराबंकी से विधायक सतीश शर्मा का कहना है कि लोगों को अधिक दिक्कत होने पर ही दवाओं का सहारा लेना चाहिए। योग एवं प्राकृतिक चिकित्सका पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में आम जनता को जागरुक करने की आवश्यकता है। इसके विकास के लिए योग एवं प्राकृतिक चिकित्सालय तथा मेडिकल कॉलेज खुलवाने व चिकित्सकों के पंजीयन के लिए शासनस्तर पर प्रयास किए जाएंगे।
एलयू कुलपति ने आयुष मिशन की जानकारी दी
योग व प्राकृतिक चिकित्सा सम्मेलन की अध्यक्षता लखनऊ विश्व विद्यालय के कुलपति सुरेंद्र प्रताप सिंह ने की। इस मौके पर उन्होंने प्रदेश में चल रही आयुष मिशन के बारे में बताते हुए कहा कि 40 योग प्रशिक्षक तथा 40 सहायक योग प्रशिक्षक की भर्ती प्रक्रिया चल रही है। सरकार की ओर से प्रयास जारी है।
योग शिक्षा जनकल्याणी है
विशिष्ट अतिथि दिल्ली विश्व विद्यालय इंस्टीट्यूट के प्रोफेसर राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा जनकल्याणी हैं। इस पद्धति का सरकारी स्तर पर भी प्रचार-प्रसार होना चाहिए। इसके अलावा इस क्षेत्र में नौकरियों के विकल्प बेहद जरूरी है जिससे कि अन्य युवा वर्ग इस पर फोकस करें।