साधु-संतो से मिलकर योगी आदित्यनाथ ने कही ये बड़ी बात

बतातें चलें  कि सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या के राम मंदिर-बाबरी मस्जिद मसले पर 16 अक्टूबर को सुनवाई पूरी कर ली थी। सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली संवैधानिक पीठ ने इस पर सुनवाई की है और ज्यादा संभावना है कि यह पीठ 15 नवंबर तक अपना फैसला सुना देगी।

Update: 2019-10-26 08:09 GMT

लखनऊ: आगामी दिनों में अयोध्या विवाद को लेकर आने वलो सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले आज यहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साधु संतो को अपने सरकारी आवास पर बुलाकर उनसे वार्ता की। उन्होंने साधु सतो सें आग्रह किया वह संयम बरते तथा कोर्ट के आने वाले फैसले का इंतजार करें जो भी फैसला आता है हम सबको उसका सम्मान करना होगा।

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इस पर अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने सीएम योगी को भरोसा दिलाया कि साधु संत भी राम मंदिर के फैसले का सम्मान करेंगे। चीफ जस्टिस गोगोई दो अलग-अलग केस की सुनवाई के दौरान अयोध्या मामले में फैसला लिखने में अपनी व्यस्तता की ओर इशारा कर चुके हैं।

रिटायर होने वाले हैं रंजन गोगोई

मामले की सुनवाई करने वाली बेंच (पीठ) के अध्यक्ष चीफ जस्टिस (सीजेआई) रंजन गोगोई 17 नवंबर को रिटायर होने वाले हैं। 16 नवंबर को शनिवार है और 17 नवंबर को रविवार है. ऐसे में फैसला इन दो तारीखों से पहले आ सकता है। अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी पक्षों से संयम बरतने और अदालत के फैसले का सम्मान करने की अपील की है।

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बतातें चलें कि सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या के राम मंदिर-बाबरी मस्जिद मसले पर 16 अक्टूबर को सुनवाई पूरी कर ली थी। सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली संवैधानिक पीठ ने इस पर सुनवाई की है और ज्यादा संभावना है कि यह पीठ 15 नवंबर तक अपना फैसला सुना देगी।

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