सोनभद्र बेंच घोटाला: दो प्रधान, एक सेक्रेटरी पर FIR, 51 को रिकवरी की नोटिस, प्रक्रिया जारी

Sonbhadra News: निर्देश पर बभनी में लगभग दो प्रधान और एक सेक्रेटरी के खिलाफ थाने में एफआईआर दर्ज करा दी गई।

Published By :  Praveen Singh
Update:2022-04-07 19:41 IST

Scam की प्रतिकात्मक तस्वीर (फोटो:सोशल मीडिया)

Sonbhadra News: जिले की लगभग 138 ग्राम पंचायतों में हुए बेंच घोटाले को लेकर कार्रवाई शुरू हो गई है। बृहस्पतिवार को जहां बभनी थाने में दो प्रधान और एक ग्राम पंचायत अधिकारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई। वहीं म्योरपुर ब्लाक के 38 प्रधानों और 13 सेक्रेटरियों को रिकवरी की नोटिस जारी की गई। वहीं शेष ब्लॉकों को लेकर भी कार्रवाई की प्रक्रिया तेजी से चलती रही।

बेंच घोटाले को लेकर कार्रवाई की सुगबुगाहट सुबह से ही बनी रही। डीएम चंद्र विजय सिंह ने जहां सीडीओ और डीपीआरओ के साथ पत्रावली की समीक्षा

कर कार्रवाई के निर्देश दिए गए। वहीं, इसके क्रम में दिए गए निर्देश पर बभनी में लगभग दो प्रधान और एक सेक्रेटरी के खिलाफ थाने में एफआईआर दर्ज करा दी गई। उधर म्योरपुर ब्लाक के 38 प्रधानों और 13 सेक्रेटरियों को नोटिस जारी कर घोटाले की रकम एक सप्ताह में जमा करने के लिए निर्देशित किया गया है। ऐसा न करने पर कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।

बभनी में मिला पांच लाख का घोटाला

बभनी ब्लाक में प्राथमिक चरण की जांच में दो ग्राम पंचायतों (शीशटोला और संवरा) में लगभग पांच लाख का घोटाला सामने आया है। शीशटोला में 362500 और सवंरा में ₹125000 के गबन की पुष्टि हुई है। इसके लिए शीशटोला प्रधान अनवर हुसैन और सवंरा प्रधान विजय शंकर यादव और ग्राम पंचायत सचिव राजेश कुमार को जिम्मेदार मानते हुए बभनी थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है। एडीओ पंचायत काशीराम ठाकुर की तरफ से दी गई तहरीर पर मामला दर्ज कर पुलिस ने छानबीन शुरू कर दी है। आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम तथा आईपीसी की विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है।

म्योरपुर में हुआ है सबसे ज्यादा घोटाला, प्रधानों-सेक्रेटरियों को नोटिस

सूत्र बताते हैं कि दस ब्लॉक वाले जिले में सबसे ज्यादा बेंच घोटाला म्योरपुर ब्लाक में पाया गया है। पूरे जिले में पकड़ी गई घोटाले की धनराशि में इस ब्लॉक की लगभग 40 प्रतिशत हिस्सेदारी बताई जा रही है। डीपीआरओ के निर्देश पर यहां के 38 प्रधानों और उनसे जुड़े 13 ग्राम पंचायत अधिकारियों को नोटिस कर घोटाले की धनराशि एक सप्ताह के भीतर जमा करने का निर्देश दिया गया है। ऐसा न करने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। उधर, एडीओ पंचायत रविदत्त मिश्रा ने बताया कि 38 प्रधानों और 13 ग्राम पंचायत अधिकारियों को रिकवरी की नोटिस जारी की गई है। इस संबंध में वीडियो नीरज तिवारी से सेलफोन पर जानकारी चाही गई तो उनका जवाब था उन्हें इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है। वह सीडियो की बैठक में है। डीपीआरओ ने भी बैठक में होने की जानकारी दी। वही सीडीओ के सीयूजी नंबर पर की गई कॉल रिसीव न होने के कारण, पूरे जिले में कितनों को नोटिस जारी की गई, इसकी जानकारी समाचार दिए जाने तक नहीं मिल पाई थी। हालांकि अंदरखाने अब तक सौ से अधिक ग्राम पंचायतों के प्रधानों और सेक्रेटरियों को अब तक रिकवरी की नोटिस जारी होने की बात कही जा रही है।

बगैर आपूर्ति लिए भी कर दिया गया है भुगतान

बैंक घोटाले की चल रही जांच में बगैर आपूर्ति लिए ही भुगतान किए जाने का भी मामला सामने आया है। बताते हैं कि बभनी ब्लाक, म्योपुर ब्लॉक सहित अन्य ब्लॉकों में आपूर्ति लिए गए सीमेंट बेंच पहुंचते ही नहीं और धनराशि भुगतान कर दी गई। सत्यापन में यह जानकारी सामने आई तो ऐसे सभी ग्राम पंचायतों के प्रधानों और पंचायत सचिवों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के अलावा कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई। बभनी में हुई कार्रवाई को इसी का पहला चरण माना जा रहा है।

मंडलायुक्त के निर्देश पर चल रहे मामले की जांच और कार्रवाईः बताते चलें कि मंडलायुक्त योगेश्वर राम मिश्रा की तरफ से डीएम को मामले की जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। इसी कड़ी में पीएम की तरफ से सीडीओ और डीपीआरओ से मामले की जांच करवा कार्रवाई कराई जा रही है। इस मामले में बृहस्पतिवार को एफआईआर की पहली कार्रवाई सामने आई है। कुछ और ब्लॉकों में एफआईआर के निर्देश दिए गए हैं। समाचार दिए जाने तक उसमें भी तहरीर तैयार किए जाने की प्रक्रिया अपनाई जा रही थी।

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