योगी सरकार का ऐलान: मजदूरों को लेकर दिये ये निर्देश, मिलेगी राहत
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कामगारों व श्रमिकों के लिए एमएसएमई सेक्टर, ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ योजना तथा ‘विश्वकर्मा श्रम सम्मान’ योजना में रोजगार से जोड़ने का निर्देश दिया है।
लखनऊ। कोरोना संकट के समय में यूपी वापस आये मजदूरों व श्रमिकों को प्रदेश में ही रोजगार देने के लिए चिंतित मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कामगारों व श्रमिकों के लिए एमएसएमई सेक्टर, ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ योजना तथा ‘विश्वकर्मा श्रम सम्मान’ योजना में रोजगार से जोड़ने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि कृषि, डेयरी, पशुपालन आदि से जुड़ी गतिविधियों में भी रोजगार की बड़ी सम्भावनाएं हैं। रोजगार की दृष्टि से कामगारों व श्रमिकों को इन सेक्टरों से जोड़ने की कार्यवाही की जाए।
ये भी पढ़ें….बौखलाई पाकिस्तानी सेना: LoC पहुंच गए कमर जावेद बाजवा, कही ऐसी बड़ी बात
कामगारों व श्रमिकों को रोजगार के अवसर
कामगारों व श्रमिकों की दक्षता का विवरण संकलित करने के लिए स्किल मैपिंग का कार्य लगातार जारी रखा जाए। कामगारों व श्रमिकों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए जिला स्तर पर जिला सेवायोजन कार्यालय की उपयोगिता को फिर से स्थापित किया जाए।
अपने सरकारी आवास पर सोमवार को आहूत एक उच्च स्तरीय बैठक में लाॅकडाउन व्यवस्था की समीक्षा कर रहे मुख्यमंत्री ने कहा कि सामान्य परिस्थितियों में बरसात के मौसम में मनरेगा से जुड़े कार्य नहीं किए जाते है।
मौजूदा समय में देश के विभिन्न राज्यों से वापस आने वाले कामगारों व श्रमिकों की यूपी वापसी की संभावना को देखते हुए बरसात के मौसम में भी मनरेगा के कामों के संचालन की विकल्पों को तलाशा जाए। जिससे कामगारों व श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने में सुविधा होगी।
ये भी पढ़ें….इस केंद्रीय मंत्री ने लॉकडाउन के नियमों की उड़ाई धज्जियां, विपक्ष ने बोला करारा हमला
श्रमिकों के बैंक खातों का विवरण
उन्होंने औद्योगिक इकाइयों के कर्मियों के साथ-साथ निर्माण श्रमिकों, ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ योजना, ‘विश्वकर्मा श्रम सम्मान’ योजना से जुड़े परम्परागत कामगारों का एक डाटा बैंक तैयार किए जाने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि इसमें श्रमिकों के बैंक खातों का विवरण भी सम्मिलित किया जाए।
योगी ने कहा कि राज्य सरकार कामगारों व श्रमिकों को रोजगार तथा सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए प्रदेश सरकार ने एक आयोग गठित करने का निर्णय लिया है। उन्होंने इस आयोग के गठन की कार्यवाही को तेजी से आगे बढ़ाने के निर्देश दिए है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश वापस आने वाले कामगारों व श्रमिकों को क्वारंटीन सेन्टर में ले जाते हुए वहां उनकी स्क्रीनिंग की जाए। जो स्वस्थ हों, उन्हें राशन किट उपलब्ध कराते हुए होम क्वारंटीन के लिए घर भेजा जाए। होम क्वारंटीन के दौरान इन्हें एक हजार रुपए का भरण-पोषण भत्ता भी दिया जाए।
ये भी पढ़ें….शोक की लहर: चला गया दुनिया से हिन्दी फिल्म संगीत का ‘इनसाइक्लोपीडिया’
कामगारों व श्रमिकों के लिए आवास
नियमित रूप से खाद्यान्न की व्यवस्था के लिए इनके राशन कार्ड भी बनाए जाएं। उन्होंने क्वारंटीन सेन्टर तथा कम्युनिटी किचन में साफ-सफाई तथा सुरक्षा के बेहतर इंतजाम सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के विशेष आर्थिक पैकेज के माध्यम से कामगारों व श्रमिकों के लिए आवास निर्माण की व्यवस्था करने तथा श्रमिकों के रहने के लिए डाॅरमेट्री निर्माण पर भी कार्य किए जाने की आवश्यकता है, इससे कम धनराशि में उन्हें अच्छी सुविधा प्राप्त होगी।
ये भी पढ़ें….मुसाफिर हूँ यारों