शिक्षा के क्षेत्र में योगी सरकार का कमाल, 1.80 लाख बच्चों का हुआ एडमिशन

यूपी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में बेसिक से लेकर उच्च तक ऐसे काम किए जो आने वाले समय में मील का पत्थर साबित होंगे।

Update:2020-03-18 18:56 IST

लखनऊ: यूपी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने हर क्षेत्र में काम किए लेकिन शिक्षा के क्षेत्र में उन्होंने बेसिक से लेकर उच्च तक ऐसे काम किए जो आने वाले समय में मील का पत्थर साबित होंगे। जहां योगी सरकार ने बेसिक शिक्षा के क्षेत्र में स्कूल चलो अभियान के तहत 1.80 लाख बच्चों का स्कूल में दाखिला कराया। वहीं उच्च शिक्षा के क्षेत्र में 49 महाविद्यालयों की स्थापना किए जाने की शुरूआत की है। इससे आने वाले दिनों में गांव देहातों से आने वाले छात्र छात्राओं को असुविधा का सामना नहीं करना पड़ेगा।

निशुल्क पाठ्यपुस्तक और जूते-मोजे कराए उपलब्ध

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 19 मार्च 2017 को सरकार की जिम्मेदारी संभालते ही इस बात के लिए अधिकारियों को संकेत दे दिए थे कि शिक्षा के साथ वह किसी तरह का समझौता नहीं करेंगे। इसलिए उन्होंने बेसिक शिक्षा के लिए स्कूल चलो अभियान को अपनी नीतियों के केन्द्र में रखने का काम किया।

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प्राथमिक स्कूल में गांव गरीब के अंदर कोई हीन भावना न पैदा हो इसके लिए राज्य सरकार ने कक्षा एक से आठ तक सभी बच्चों को निशुल्क पाठ्यपुस्तकें, यूनीफार्म, स्कूल बैग, स्वेटर, जूता, ड्रेस आदि देने का काम किया। बालिकाओं को शिक्षा के क्षेत्र में बढ़ावा देने के लिए अहिल्याबाई निशुल्क शिक्षा योजना संचालित करने का फैसला लिया।

प्राथमिक शिक्षा में 80 हजार 836 बच्चों को प्रवेश दिलवाया गया

इसके अलावा राज्य सरकार ने ऐसे बच्चों को चिन्हित करने का काम किया जिनका किसी स्कूल में नामांकन न हो। ऐसे 80 हजार 836 बच्चों को प्रवेश दिलवाया गया। प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी सरकार के गठन के बाद 24 मेधावी छा़त्रों तथ वर्ष 2018 में 89 मेधावी छात्रों के निवास स्थलों के मार्ग निर्माण तथा मरम्मत का काम कराया। इसी तरह वर्ष 2019 में 174 मेधावी छात्रों के गांवों के लिए कार्ययोजना बनाकर काम किया जा रहा है।

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यही नहीं प्राथमिक विद्यालयों में 45383 अध्यापकों की भर्ती कराई गई है। इसके अलावा 69000 अध्यापकों की भर्ती होने की तैयारी है। राज्य सरकार ने आपरेशन शिक्षा कायाकल्प के जरिए 91 हजार 236 स्कूलों में अतिरिक्त कक्ष बाउंड्री वाले गेट शौंचालय पेयजल और बिजली आदि देने का काम किया। इसके साथ ही 15 हजार प्राथमिक विद्यालयों और एक हजार उच्च माध्यमिक विद्यालयों को अंग्रेजी माध्यम में परिवर्तित किया गया।

नकल विहीन परीक्षा कराए जाने का किया बड़ा काम

वहीं योगी सरकार ने माध्यमिक शिक्षा के क्षेत्र में तो अध्यापकों को मुख्यमंत्री अध्यापक पुरस्कार देने का निर्णय लिया। सरकार ने बेटी बचाओ बेटी बढाओ येजना के तहत 100 टॉपर छात्रों को तथा 100 टॉपर एससीएसटी छात्र छात्राओं तथा डिप्लोमा सेक्टर की प्रवेश परीक्षा में प्रवेश पाने वाले 300 टॉपर छात्र छात्राओं को लैपटॉप देने का काम किया है।

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शिक्षा की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए इस बार भी नकल विहीन परीक्षा कराई गयी लेकिन इस बार तो पूरा कंट्रोल रूम ही लखनऊ में तैयार किया गया। जिससे कहीं पर भी नकल की संभावना न रहे। सरकार ने स्लेबस में बदलाव करते हुए एनसीआरटी की पुस्तकों को पढ़ाने की पहल की। राज्य सरकार ने माध्यमिक शिक्षा को बढावा देने के लिए 55 नए इंटर मीडिएट कालेजों की स्वीकृति दी है।

उच्च शिक्षा में 49 नए राजकीय महाविद्यालयों की स्थापना

योगी सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में कोई कमी न रहने पाए इसलिए 49 नए राजकीय महाविद्यालय खोलने का फैसला लिया है। जिनका निर्माण कार्य जल्द ही पूरा होने वाला है। कानपुर में सेंटर आफ एक्सीलेंस की स्थापना भी की गई है। जबकि 14 राज्य विश्वविद्यालयों में पंडित दीनदयाल उपाध्याय शोध पीठ की भी स्थापना की गई है।

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जबकि पंडित दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में महायोगी गुरू श्री गोरक्षानिशोध पीठ की स्थापना कराई गई है। जल्द ही सहारनपुर, अलीगढ़ और आजमगढ़ में भी विश्वविद्यालयों की स्थापना की जाएगी।

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