माननीयों की अब खैर नहीः विशेष बेंचें करेंगी आपराधिक मुकदमों की सुनवाई, होगा न्याय

हाल ही में आई एक रिपोर्ट के अनुसार देश के 2256 विधायक ऐसे हैं जो आपराधिक मामलों को आरोपित हैं। देश भर में विधायक और सांसदों के खिलाफ 4442 आपराधिक मामले स्पेशल कोर्ट में लम्बित हैं। राज्यों के हाईकोर्ट द्वारा सुप्रीम कोर्ट में पेश किए गए ब्योरे में ये बात सामने आई है।

Update: 2020-10-07 06:12 GMT
माननीयों की अब खैर नहीः विशेष बेंचें करेंगी आपराधिक मुकदमों की सुनवाई, होगा न्याय (social media)

लखनऊ: माननीयों के लगातार लंबित होते मामलों को लेकर न्यायपालिका अब तक सो गई और इसी के तहत माननीयों पर चल रहे आपराधिक मुकदमों की सुनवाई को गति देने के लिए न्यायपालिका ने विशेष कदम उठाए है। जिसके तहत अब न्यायपालिका में लंबित मुकदमों की जल्द सुनवाई सुनिश्चित हो गई है।

ये भी पढ़ें:टिकट कटने पर विधायक को लगा शॉक, बोलते-बोलते ही गिर पड़े, आ गया हार्ट अटैक

हाल ही में आई एक रिपोर्ट के अनुसार देश के 2256 विधायक ऐसे हैं जो आपराधिक मामलों को आरोपित हैं। देश भर में विधायक और सांसदों के खिलाफ 4442 आपराधिक मामले स्पेशल कोर्ट में लम्बित हैं। राज्यों के हाईकोर्ट द्वारा सुप्रीम कोर्ट में पेश किए गए ब्योरे में ये बात सामने आई है।

माननीयों के खिलाफ सबसे ज्यादा मामले यूपी के हैं

गौरतलब है कि माननीयों के खिलाफ सबसे ज्यादा मामले यूपी (उत्तरप्रदेश) के हैं। यहां 446 जनप्रतिनिधियों के खिलाफ 1217 मामले लंबित हैं। दूसरे नंबर पर बिहार है। यहां 256 जनप्रतिनिधियों के खिलाफ 531 मामले लंबित हैं।

cm-yogi (social media)

इस रिपोर्ट के नजरिये से लखनऊ हाईकोर्ट का ये व्यवस्थात्मक आदेश महत्वपूर्ण है। कई माननीय तो एक से ज्यादा आपराधिक केस के अभियुक्त हैं। कानून बनाने वाले जनप्रतिनिधियों के खिलाफ करीब 413 ऐसे मामले हैं, जिनमें अधिकतम सजा उम्रकैद भी हो सकती है। ऐसे 174 मामले अभी वर्तमान एमएलए व सांसदों के खिलाफ लम्बित हैं।

इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ में सांसदों व विधायकों से संबंधित आपराधिक मुकदमों की सुनवाई को गति देने के लिए यह कदम उठाए हैं। जिसके तहत 2 विशेष खंडपीठ को क्षेत्राधिकार दिया गया है।

इलाहाबाद हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के आदेश पर पारित रोस्टर के अनुसार

इलाहाबाद हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के आदेश पर पारित रोस्टर के अनुसार न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति सरोज यादव की पीठ को अन्य आपराधिक याचिकाओं के साथ-साथ सांसदों, विधायकों व विधान परिषद सदस्यों से संबंधित याचिकाओं व आपराधिक मामलों की सुनवाई के लिए विशेष क्षेत्राधिकार दिया गया है।

ये भी पढ़ें:भूखों मरेगा पाकिस्तान: अब भारत के सामने गिड़गिड़ाएगा, इमरान का बुरा हाल

इसके अलावा न्यायमूर्ति राकेश श्रीवास्तव की एकल पीठ को जमानत संबंधित अन्य मामलों के साथ-साथ सांसदों विधायकों व विधान परिषद सदस्यों से संबंधित मुकदमों की सुनवाई का भी क्षेत्राधिकार दिया गया है।

इलाहाबाद हाई कोर्ट के इस कदम से माननीयों पर चल रहे मुकदमों की त्वरित सुनवाई और उन पर अंतिम आदेश पारित किए जाने का रास्ता साफ हो गया है।

दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Tags:    

Similar News