UP News: योगी सरकार दो चरणों में करेगी खरीफ फसलों की ‘ई-पड़ताल‘

UP News:इस साल मौजूदा खरीफ सीजन के अंतर्गत पहले चरण में 21 जबकि दूसरे चरण में 54 जिलों में ई-पड़ताल सर्वे होगा। सर्वे 10 अगस्त से 25 सितंबर के बीच यूपी की 3 करोड़ से ज्यादा चिह्नित कृषि योग्य भूमि पर फसलों की पैदावार को ट्रैक करेगा।

Update:2023-07-10 13:50 IST
CM Yogi (photo: social media )

UP News: यूपी में अन्नदाता किसानों को सरकारी योजनाओं का समुचित लाभ पहुंचाने की दिशा में प्रयासरत योगी सरकार ने केंद्र की एग्रीस्टैक योजना को सूबे में व्यापक स्तर पर लागू करने की कार्ययोजना पर काम करना शुरू कर दिया है। फसलों के निरीक्षण व किसानों को लाभ पहुंचाने के दृष्टिगत केंद्र सरकार द्वारा एग्रीस्टैक योजना की शुरुआत की गई है, जिसका उद्देश्य है देश में फसलों का एक केंद्रीयकृत डाटाबेस तैयार करना। यह डाटाबेस किसानों के लिए ‘वन स्टॉप सॉल्यूशन’ की तरह काम करेगा, जहां उन्हें फसलों से संबंधित समस्याओं के निराकरण, सरकारी अनुदान व प्रशस्ति प्रबंधन और विस्तृत बाजार तक पहुंच जैसी अनेकों सुविधाएं आसानी से मुहैया हो सकेंगी। इसी तर्ज पर कार्य करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप प्रदेश में ‘ई-पड़ताल‘ सर्वे को अंजाम देने की विस्तृत रूपरेखा पर कार्य शुरू किया गया है।

सर्वे की शुरुआत 10 अगस्त से

यहां खास बात ये है कि मौजूदा खरीफ सीजन के मध्य राज्य में इस सर्वे को अंजाम देने के लिए 3 करोड़ से ज्यादा कृषि योग्य रजिस्टर्ड भूमि को चिन्हित किया गया है। सर्वे 10 अगस्त से शुरू होकर 25 सितंबर के बीच दो चरणों में पूरा होगा। पहले चरण में 21 जबकि दूसरे चरण में 54 जिलों में ‘ई-पड़ताल‘ सर्वे को अंजाम देने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसको अंजाम देने के लिए पहले ही राज्य, जिला व तहसील समेत कुल 4 स्तरीय समितियों का गठन किया जा चुका है। इसके अंतर्गत मुख्य सचिव खुद स्टीयरिंग कमेटी की अध्यक्षता करेंगे जबकि अन्य समितियां इंप्लीमेंटेशन समिति के अंतर्गत कार्य करेंगी। सर्वे को अंजाम देने के लिए सभी स्तरों पर ट्रेनिंग, मॉनिटरिंग व मेंटोरिंग जैसे अहम पहलुओं को क्रियान्वित करने के उद्देश्य से कार्यशाला व बैठकों के आयोजन का दौर निरंतर जारी है।

6 सूत्रीय लाभ का जरिया बनेगा

यूपी में ‘ई-पड़ताल‘ को केवल एक फसलों का डाटा एकत्रित करने वाले सर्वे के तौर पर नहीं बल्कि 6 सूत्रीय लाभ का जरिया मानकर क्रियान्वित करने की रूपरेखा रखी गई है। दरअसल, इसके जरिए एकत्रित डाटा के आधार पर किसान बैंकों से केसीसी (किसान क्रेडिट कार्ड) योजना के अंतर्गत अनुदान प्राप्त कर सकेंगे। वहीं, फसलों के एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) निर्धारण का भी यह एक सशक्त जरिया बन सकेगा। इसके अतिरिक्त, सॉइल हेल्थकार्ड योजना के जरिए ई-पड़ताल से जुटाए गए आंकड़े कृषि योग्य भूमि के मृदा निरीक्षण के लिहाज से भी महत्वपूर्ण योगदान निभाएंगे। इससे किसानों को अपनी भूमि की उर्वरता के आधार पर फसलों की बोआई का उचित विकल्प मिल सकेगा। वहीं, कृषि भूमि पर फसलों के समुचित क्रॉप एरिया के निर्धारण और किसानों को फसलों संबंधी कस्टमाइज्ड एडवायजरी जारी करने के लिहाज से भी ई-पड़ताल सर्वे प्रमुख भूमिका निभाएगा।

कुल मिलाकर, सर्वे में प्रदेश के 75 जिलों के 350 तहसीलों के अंतर्गत आने वाले 31002 लेखपाल अधीन क्षेत्रों के 35983 ई-पड़ताल क्लस्टर्स के आंकड़ों को समावेशित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है जिसे क्रियान्वित करने की तैयारी अभी से शुरू हो गई है।

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