कोरोना की तीसरी लहर में संक्रमण से एक भी बच्चे की ना हो मौत, अधिकारी ऐसी रखें तैयारी: बेबी रानी मौर्य

राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने राजभवन नैनीताल में कुमाऊं मंडल में कोरोना नियंत्रण की स्थिति पर अधिकारियों की बैठक ली है.

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Published By :  Chitra Singh
Update: 2021-06-16 04:41 GMT

बैठक (फोटो- @babyranimaurya  ट्विटर)

नैनीताल: उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य (Baby Rani Maurya) ने राजभवन नैनीताल में कुमाऊं मंडल (Kumaon division) में कोरोना नियंत्रण से संबंधित हालातों का जायजा लेने के लिए अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। इस बैठक में उन्होंने उच्च अधिकारियों से सभी जिलों में कोरोना जांच से लेकर वैक्सीनेशन की मौजूदा हालात तक की जानकारी ली। साथ ही तीसरी लहर की तैयारियों के लिए सीएमओ तथा स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्थाओं की जानकारी भी ली।

जानकारी के मुताबिक, डीएम धीराज सिंह गब्र्याल ने जिलें में कोरोना फ्रंट लाइन वर्कर, 45 वर्ष से अधिक उम्र वाले लोग तथा 18 से 44 वर्ग के लोगों का वैक्सीनशन के बारे में राज्यपाल को अवगत कराया। इस दौरान राज्यपाल ने सभी वर्गों में शत-प्रतिशत वैक्सीनेशन कराने और तथा समय पर वैक्सीन की दूसरी डोज देने का निर्देश दिया।

इस दौरान कमिश्नर कुमाऊं मंडल अरविन्द सिंह ह्यांकी ने बताया, "वर्तमान में कोरोना संक्रमण की दर पहले से कम है। मंडल में कुल कोरोना की पॉजिटिव केस एक लाख से अधिक सामने आए थे। हालांकि अब मामलों में लगातार कमी पाई जा रही है। अब लोग होम आइसोलेशन में भी ठीक हो रहे हैं।"

वहीं इस बैठक में राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा, "कोरोना अवधि के कारण छोटे व्यवसायियों के सामने आ रहे आजिविका संकट खड़ा हो गया है। इन श्रमिकों, व्यवसायियों को राहत सामग्री के साथ-साथ अन्य जरूरी सामानों की किट भी रोजगार के पटरी पर आने तक उपलब्ध करायी जाये।" वहीं स्वास्थ्य विभाग निर्देश देते हुए कहा, "कोरोना की तीसरी लहर में संक्रमण की वजह से एक भी बच्चे की मौत न हो पाए, ऐसी तैयारी रखें। इसके लिए राजभवन की ओर से शासन-प्रशासन को हर सम्भव सहयोग दिया जाएगा।"

इसके अलावा राज्यपाल ने सभी स्थानीय महिला स्वयं सहायता समूहों को और अधिक सशक्त बनाने के लिए प्रभावी कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिये हैं। राज्यपाल ने निर्देश देते हुए कहा है कि महिलाओं की आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाने के लिए इन स्वंय सहायता समूहों के उत्पादों को बाजार तक पहुंचाने का उचित प्रबंध किया जाये।

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