Badrinath Dham: जोरदार बर्फबारी के बीच खुले बद्रीनाथ धाम के कपाट, दर्शन के लिए भारी संख्या में पहुंचे श्रद्धालु

Badrinath Dham: बद्रीनाथ धाम के कपाट गुरुवार (27 अप्रैल) सुबह 7 बजकर 10 मिनट पर श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। कपाट खुलने के शुभ मुहुर्त पर भगवान बदरी विशाल के दर्शन के लिए भारी संख्यां में लोग पहुंचे हुए हैं। बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही भारी बर्फबारी भी हो रही है।

Update:2023-04-27 12:52 IST
बदरीनाथ धाम (सोशल मीडिया)

Badrinath Dham: बद्रीनाथ धाम के कपाट गुरुवार (27 अप्रैल) सुबह 7 बजकर 10 मिनट पर श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। आर्मी बैंड की मधुर धुनों और भक्तों द्वारा जय बद्री विशाल के नारों के बीच कपाट खोले गए। इस दौरान मंदिर को फूलों से भव्य तरह से सजाया गया। कपाट खुलने के शुभ मुहुर्त पर भगवान बद्रीनाथ के दर्शन के लिए भारी संख्यां में लोग पहुंचे हुए हैं। बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही भारी बर्फबारी भी हो रही है।

पूर्व मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ने ट्वीट कर लिखा कि पवन मंद सुगंध शीतल, हेम मन्दिर शोभितम्। निकट गंगा बहत निर्मल, श्री बद्रीनाथ विश्वम्भरम्॥ भगवान विष्णु की पावन तपोस्थली, सृष्टि का आठवां बैकुंठ, पवित्र चार धामों में से एक भगवान बद्रीनाथ जी के कपाट आज निर्धारित शुभ मुहूर्त में खुल गए हैं। श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने के शुभ अवसर पर समस्त श्रद्धालुओं एवं देशवासियों को हार्दिक शुभकामनायें। भगवान बदरीविशाल आपके सभी मनोरथ पूर्ण करें। !!जय बदरीविशाल!!

करीब 20 हजार भक्त दर्शन के लिए धाम पहुंचे

जानकारी के मुताबिक कपाट खुलने के दौरान बद्रीनाथ धाम में करीब 20 हजार श्रद्धालु दर्शन करने के लिए पहुंचे हैं। वहीं बद्रीनाथ यात्रा को लेकर भक्तों के बीच उत्साह और उल्लास का माहौल हैं। यात्रा पड़ावों पर जगह-जगह तीर्थयात्रियों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया है। बद्रीनाथ में तीर्थयात्रियों और स्थानीय श्रद्धालुओं के करीब 400 वाहन पहुंच गए हैं।

बता दें कि बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने का तरीका भी अनूठा है। बद्रीनाथ धाम के कपाट तीन चाबियों से खुलते हैं, ये तीनों चाबियां अलग-अलग लोगों के पास होती हैं। वहीं कपाट बंद होते समय ही श्रीहरि की मूर्ति में घी का लेप लगाया जाता है। कपाट खोलने के बाद रावल (नर) इसे सबसे पहले इसे हटाते हैं. मान्यता है कि अगर मूर्ति घी में पूरी तरह लिपटी है, तो उस साल देश में खुशहाली आएगी और अगर घी सूखा या कम हुआ तो अधिक वर्षा की स्थिति बनती है।

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