Landslide: चाइना-नेपाल बॉर्डर को जोड़ने वाला NH-125 बंद, सैकड़ों वाहन फंसे, भूख-प्यास से यात्रियों का बुरा हाल

उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों भारी बारिश और लैंडस्लाइड के कारण एनएच- 125 (NH-125) बंद हो गया है। इसे चीन (China) और नेपाल बॉर्डर (Nepal Border) की लाइफ लाइन भी कहा जाता है। नेशनल हाइवे में जगह-जगह भारी मलवा गिरा है, जिसकी वजह से इसे खोलने में काफी वक्त लग सकता है।

Newstrack :  Network
Published By :  Ashiki
Update:2021-06-17 09:32 IST

एनएच- 125 पर फंसे वाहन (Photo- Social Media)

पिथौरागढ़: उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों भारी बारिश और लैंडस्लाइड के कारण एनएच- 125 (NH-125) बंद हो गया है। इसे चीन (China) और नेपाल बॉर्डर (Nepal Border) की लाइफ लाइन भी कहा जाता है। नेशनल हाइवे में जगह-जगह भारी मलवा गिरा है, जिसकी वजह से इसे खोलने में काफी वक्त लग सकता है। बताया जा रहा है कि बॉर्डर को जोड़ने वाले हाईवे के बंद होने से सैकड़ों लोग और वाहन फंसे हुए हैं।

बता दें कि उत्तराखंड (Uttarakhand) में बीते दिनों भारी बारिश हुई थी, जिसके चलते ये हाइवे बंद हो गया था। बीते शुक्रवार को जैसे तैसे हाइवे खुला तो यात्रियों को राहत मिली, लेकिन शाम होते ही चुपकोट बैंड के पास भारी लैंडस्लाइड के कारण फिर बॉर्डर का हाइवे बंद हो गया। हाइवे बंद होने से पिथौरागढ़ जिले से संपर्क पूरी तरह कट गया है। 

प्री-मानसून बारिश ने अथॉरिटी के दावों की पोल खोल दी है। हालात ये है कि हाईवे में सैकड़ों लोग भूखे-प्यासे फंसे हुए हैं। बॉर्डर को जोड़ने वाले इकलौते एनएच में हर तरफ आफत के पहाड़ दरके हैं। दरकते पहाड़ों ने चमचमाते एनएच को भारी बोल्‍डर्स और मलवे से पाट दिया है। चीन और नेपाल बॉर्डर को जोड़ने वाले एनएच के बंद होने से सबकुछ ठप सा हो गया है।

जहां-तहां फंसे लोग

बता दें कि बीते एक साल में ये हाइवे 70 दिन से अधिक बंद हो चुका है। हालात ये हैं कि लैंडस्लाइड के बाद जो जहां था वहीं फंसा हुआ है। एनएच में सफर कर रहे एक यात्री का कहना है कि 6 घंटे से वे चुपकोट बैंड के पास फंसे हैं। उन्हें महाराष्ट्र जाना है। ट्रेन में टिकट भी बुक कराई है, लेकिन एनएच बंद होने से उनका सारा प्लान धरा रह गया। वहीं एक अन्य यात्री का कहना है कि उन्हें दिल्ली जाना था, लेकिन लैंडस्लाइड से उन्हें एक जगह कैद कर दिया है। भूखे-प्यासे जंगल के बीच हाईवे में रास्ता खुलने का इंतजार करने के अलावा उनके पास कोई विकल्प नहीं है।

एनएचएआई के सहायक अधिशासी अभियंता के मुताबिक उनके क्षेत्र में 6 से अधिक स्थानों पर भारी मलवा आया है। मशीनों के जरिए मलवा हटाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन कुछ एरिया ऐसे भी जहां मलवा हटाते ही पहाड़ी से और मलवा गिर रहा है।

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