रो देंगे बुजुर्ग दंपति को देख कर, महीनों से नहीं खाया खाना, उत्तराखंड की दर्दनाक घटना

अस्पताल के डॉक्टरों ने जब देवकी देवी से पूछताछ की तो उन्होंने पाया की देवकी जवाब देने में असमर्थ है। हालांकि देवकी ने टूटे-फूटे शब्दों में बोला कि दराती-बड़याठ लेकर मारने आ रहे थे।

Update: 2021-02-01 11:47 GMT
रो देंगे बुजुर्ग दंपति को देख कर, महीनों से नहीं खाया खाना, उत्तराखंड की दर्दनाक घटना

देहरादून: भारतीय सभ्यता में मां-बाप को भगवान का दर्जा दिया जाता है। लेकिन इसी भगवान निर्ममता के साथ घर में कैद कर दिया जाए तो? जी हां, कुछ ऐसा ही मामला उत्तराखंड के बागेश्वर नगरपालिका से सामने आई है, जहां बिलौना वार्ड में एक बुजुर्ग दपंति को पिछले दो महीने से कैद थे। उनकी दशा देखकर किसी ने भी मदद के लिए हाथ नहीं बढ़ाया।

दो महीने से कैद थे दपंती

खबर के मुताबिक, सेवानिवृत्ति फौजी जमन सिंह (65) और उनकी पत्नी देवकी देवी (55) को पिछले दो महीने से घर में कैद कर दिया गया था। इस मामले का खुलासा तब हुआ जब दोनों दपंति को इलाज के लिए रविवार को अस्पताल में भर्ती कराया गया। बताया जा रहा था कि जब उन्हें भर्ती कराया गया तो उनकी हालत बेहद ही खराब थी। दंपति के बड़े बेटे जगत सिंह नेगी ने बताया कि उसके पास एक वीडियो आया, जिसमें घर का दरवाजा बंद था और कुछ पुलिस वाले घर के अंदर घुसे तो मां और पिता की हालात बेहद खराब देखी।

बेटे के पास आई कैद दंपती की वीडियो

जगत ने आगे बताया कि जब उन्होंने वीडियो में अपने माता-पिता ऐसी हालत देखी तो वह फौरन ही घर के लिए रवाना हो गए। उन्होंने बताया कि वे उनका छोटा भाई दिल्ली में रहते है। जगत जब अपने माता-पिता के पास पहुंचे तो उनकी हालत बहुत ही खराब थी। जगत ने बताया कि वह बोलने की स्थिति में भी नहीं थे और कमरों के खिड़की और दरवाजे टूटे थे। घर में मकान की मरम्मत के लिए रखा लोहा और सीमेंट गायब था और मां के जेवर भी नहीं थे।

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दंबगों पर लगाया आरोप

उन्होंने बताया, “फोन पर मां और पिता से बातचीत हो जाती थी पर पिछले तीन माह से उनसे कोई संपर्क नहीं हो पा रहा था। बहन से दो माह पहले ही उनकी हालात के बारे में पता चला तो चिंता दूर हो गई। पर आज मां और पिता को इस स्थिति देखकर दिल विचलित हो गया।” अपने माता-पिता की ऐसी हालत को देखते हुए उन्होंने कुछ दबंगों पर आरोप भी लगाए है। आरोप है कि वार्ड में रहने वाले कुछ दबंगों ने उनके परिवार की यह हालत की है। दबंगों के डर से उसके माता-पिता को कमरे में कैद होने पर मजबूर होना पड़ा है। आसपास रहने वाले लोग भी दबंगों के डर के कारण उसके परिवार की मदद नहीं कर सके। वहीं छोटे बेटे सुरेश सिंह नेगी ने भी आरोप लगाते हुए गांधी नाम के एक शख्स बताया है।

पुलिस पर भी लगाया आरोप

बता दें कि बेटे ने दंबगों के अलावा पुलिस पर भी आरोप लगाया लगाया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि शनिवार को पुलिस उनके घर आई थी, लेकिन उसने मां और पिता को अस्पताल नहीं पहुंचाया। जबकि कोतवाल बागेश्वर डीआर वर्मा ने इस आरोप को गलत ठहराया हैं। उन्होंने बताया, “ये दंपती अक्सर अंदर से दरवाजा बंद कर लेते थे, गांवों वालों की सूचना पर पुलिस गांव जाकर इनकी देखरेख करती थी। शनिवार को भी पुलिस टीम मौके पर गई थी और एंबुलेंस बुलाकर दवा दी थी। इन लोगों की पड़ोसियों से भी नहीं बनती थी।”

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बोलने में असमर्थ दपंती

वहीं, अस्पताल के डॉक्टरों ने जब देवकी देवी से पूछताछ की तो उन्होंने पाया की देवकी जवाब देने में असमर्थ है। हालांकि देवकी ने टूटे-फूटे शब्दों में बोला कि दराती-बड़याठ लेकर मारने आ रहे थे। लेकिन कौन मारने आ रहा था और कब आया वह इसका जवाब नहीं दे पाईं।

डॉक्टर ने बताया पूरा मामला

इस मामले पर डॉ. कपिल तिवारी ने बताया, “बुजुर्ग दंपति काफी बुरी हालत में अस्पताल पहुंचे थे। सबसे पहले उनके कपड़े बदलवाए गए। दोनों की मानसिक हालत सही नहीं है। सरसरी तौर पर देखने से लग रहा है कि उन्होंने चार या पांच हफ्ते से खाना नहीं खाया है। दोनों के शरीर में पानी की भी कमी हो गई है। दोनों के मानसिक उपचार के लिए मनोचिकित्सक की मदद लेनी ही पड़ेगी।”

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