Joshimath Sinking: जोशीमठ में होटल वालों का जोरदार प्रदर्शन, मांग रहे ज्यादा मुआवजा

Joshimath Sinking: जमीन पर गहरी दरारों के कारण मलारी इन होटल अपनी नींव से लगभग अलग हो गया है, और इसके चलते यह बगल के होटल माउंट व्यू की ओर झुक गया है।

Written By :  Neel Mani Lal
Update: 2023-01-11 06:30 GMT

Joshimath Sinking  (photo: social media )

Joshimath Sinking: डूब रहे जोशीमठ में अब तक 86 घरों को असुरक्षित मान कर उनको ढहाने के लिए चिन्हित किया गया है। दो होटलों को भी गिराया जाना है लेकिन होटल मालिक ज्यादा मुआवजे की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। जमीन पर गहरी दरारों के कारण मलारी इन होटल अपनी नींव से लगभग अलग हो गया है, और इसके चलते यह बगल के होटल माउंट व्यू की ओर झुक गया है।

इमारतें गिराने के लिए केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान की टीम ने इन दो होटलों का सर्वेक्षण किया। इसके बाद जब ढहाने का काम शुरू होने वाला था तब मलारी इन के मालिक और कुछ निवासियों ने विरोध प्रदर्शन किया,तथा सीबीआरआई और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) के कर्मियों को होटल में घुसने से रोक दिया। टीम का नेतृत्व कर रहे सीबीआरआई के मुख्य वैज्ञानिक डी पी कानूनगो ने कहा है कि उन्होंने बिना किसी विस्फोटक के "यांत्रिक" विध्वंस करने की योजना बनाई है। कानूनगो उस टीम का हिस्सा थे जिसने पिछले साल नोएडा में सुपरटेक ट्विन टावर्स को गिराया था। उन्होंने कहा कि पहले होटल (मलारी इन) की नींव जमीन छोड़ चुकी है और इस प्रकार क्षति अपूरणीय है।

होटल ने अपना वजन दूसरे होटल पर शिफ्ट कर लिया है, इसलिए दूसरे होटल को भी नुकसान हुआ है। यही कारण है कि इन दोनों भवनों का सुरक्षित यांत्रिक विध्वंस अनिवार्य है। हम दोनों इमारतों के अंदर गए हैं और विस्तृत योजना बनाई है। हमारी पहली प्राथमिकता दो होटलों के पास और नीचे की अन्य इमारतों की सुरक्षा है। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने अभी सिर्फ इन्हीं दो इमारतों को ढहाने के लिए कहा है।

723 मकानों में दरारें

चमोली जिला प्रशासन के पास उपलब्ध नवीनतम आंकड़ों के अनुसार अब तक 723 घरों में दरारें आने की सूचना है, जबकि 86 घरों की पहचान असुरक्षित के रूप में की गई है। अभी तक कुल 131 परिवारों, जिनमें 462 लोग शामिल थे, को अस्थायी आश्रय स्थलों में ले जाया गया है।

मुआवजे की मांग

इस बीच, दो होटलों के मालिकों सहित बाकी निवासियों ने बद्रीनाथ धाम पुनर्विकास मास्टरप्लान के तहत सूचीबद्ध दरों के अनुसार मुआवजे की मांग की है। जिला अधिकारियों के अनुसार, बद्रीनाथ मास्टरप्लान के तहत जो मुआवजा प्रदान किया जाता है वह सर्कल रेट से दोगुना है।

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