Joshimath Sinking: क्या टिहरी की तर्ज पर बनेगा 'न्यू जोशीमठ'? धामी सरकार की राह में अभी कई चुनौतियां

Joshimath Sinking: उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार टिहरी की तर्ज पर 'न्यू जोशीमठ' बनाने पर विचार कर रही है। लेकिन, स्थानीय लोग इसके लिए तैयार नहीं हैं। जानें मामला।

Written By :  aman
Update: 2023-01-11 13:29 GMT

प्रतीकात्मक चित्र (Social Media)

Joshimath Sinking: जोशीमठ भू-धंसान का मामला राष्ट्रीय हो चुका है। उत्तराखंड के इस खूबसूरत शहर में लगातार घरों में दरारें पड़ रही हैं। इन दरारों ने राज्य के साथ-साथ केंद्र सरकार के माथे पर भी लकीरें चौड़ी कर दी हैं। इस बीच जोशीमठ में प्रशासन और स्थानीय लोगों के बीच मुआवजे पर बैठक जारी है। बुधवार को वार्ता में बात नहीं बनी। हालांकि, प्रशासन की ओर से प्रयास जारी हैं। स्थानीय प्रशासन प्रभावितों परिवारों को डेढ़ लाख रुपए मुआवजा दिए जाने की बात कह रही है। लेकिन, प्रभावितों ने इसे लेने से साफ मना कर दिया। 

वहीं, उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार टिहरी (Tehri News) की तर्ज पर 'न्यू जोशीमठ' (New Joshimath) बनाने पर विचार कर रही है। लेकिन, स्थानीय लोग इसके लिए तैयार नहीं हैं। जोशीमठ निवासी यहीं रहना चाहते हैं। वो कहीं अन्य जाने को तैयार नहीं हैं।

धामी सरकार ने चुनी ये तीन जगह 

उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार ने जोशीमठ की आबादी को 'शिफ्ट' करने के लिए तीन स्थानों का चयन किया है। इसमें एक जोशीमठ की जेपी कॉलोनी (Jaypee Colony Joshimath) के पास उद्यान विभाग की जमीन है। दूसरा, पीपलकोटी (Pipalkoti) और तीसरा गौचर (Gauchar) के पास जमीन पर लोगों को शिफ्ट करने की योजना बनाई जा रही है। लेकिन, जोशीमठ के स्थानीय निवासी अन्यत्र जाना नहीं चाहते हैं।  

सरकार अभी दे रही इतनी राशि 

भू-धंसान से प्रभावित इमारतों का सर्वे कार्य जारी है। असुरक्षित भवनों (Unsafe Buildings) से लोगों को सुरक्षित जगहों पर 'अस्थायी विस्थापन' किया जा रहा है। प्रभावित परिवारों को तत्कालिक तौर पर 1.5 लाख रुपए की धनराशि अंतरिम सहायता के रूप में दी जा रही है। जिसमें 50 हजार रुपए घर शिफ्ट करने तथा 1 लाख रुपए आपदा राहत मद से अग्रिम राशि के रूप में उपलब्ध कराया जा रहा है। इस राशि को बाद में समायोजित किया जाएगा।

'वन टाइम सेटलमेंट' किया जाए

जोशीमठ (Joshimath Sinking) के मुद्दे पर प्रदेश की प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने भी राजनीतिक माहौल गरमाए रखा है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत (Former CM Harish Rawat) मौन उपवास पर बैठ गए हैं। गांधी पार्क में समर्थकों के साथ धरने पर बैठे पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि, जोशीमठ में तोड़े जा रहे मकानों का 'वन टाइम सेटलमेंट' किया जाए। बिना किसी पुनर्वास नीति के ध्वस्तीकरण अन्यायपूर्ण है।'

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