कृषि क्षेत्र के लिए ज्यादा से ज्यादा कर्ज़ दें बैंक-वित्त मंत्री प्रकाश पंत

राज्य सरकार प्रदेश की 670 न्याय पंचायतों को ग्रोथ सेंटर के रूप में विकसित करना चाहती है। सरकार ने इसके लिए बैंकों से सहयोग की उम्मीद जतायी है। बैंकों से खास तौर पर स्वरोजगार, फसल बीमा योजना, मुद्रा, सामाजिक सुरक्षा योजना पर फोकस करने को कहा गया है।वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने बैंकों से फ्लैगशिप योजनाओं में विशेष रूप से कार्य करने को कहा है। 64वीं राज्य स्तरीय

Update: 2018-02-27 13:20 GMT
कृषि क्षेत्र के लिए ज्यादा से ज्यादा कर्ज़ दें बैंक-वित्त मंत्री प्रकाश पंत

देहरादून: राज्य सरकार प्रदेश की 670 न्याय पंचायतों को ग्रोथ सेंटर के रूप में विकसित करना चाहती है।सरकार ने इसके लिए बैंकों से सहयोग की उम्मीद जतायी है।बैंकों से खास तौर पर स्वरोजगार, फसल बीमा योजना,

मुद्रा, सामाजिक सुरक्षा योजना पर फोकस करने को कहा गया है।वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने बैंकों से फ्लैगशिप योजनाओं में विशेष रूप से कार्य करने को कहा है। 64वीं राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक में वित्त मंत्री ने ये बातें कहीं। बैठक में उपस्थित मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने वर्ष 2017-18 की वार्षिक ऋण योजना, ऋण जमा अनुपात, ब्रॉडबैंड

कनेक्टिविटी,प्रधानमंत्री जन-धन योजना, सामाजिक बीमा योजना, आधार सीडिंग,2022 तक किसानों की आय दोगुना करने की योजनाएं, फसल बीमा योजना सहित अन्य बैंक आधारित योजनाओं की प्रगति की जानकारी ली।

बैठक में बताया गया कि वार्षिक ऋण योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए निर्धारित 18468.80 करोड़ रूपये के सापेक्ष तीसरी तिमाही की समाप्ति तक बैंकों द्वारा 12219.41 करोड़ रुपये की उपलब्धि दर्ज की गयी है, जो

भारतीय रिजर्व बैंक के तीसरी तीमाही के लिए निर्धारित मानक 65 प्रतिशत के सापेक्ष 66 प्रतिशत है।वित्तीय वर्ष 2017-18 के दिसम्बर 2017 तिमाही की समाप्ति पर राज्य का ऋण-जमा अनुपात 57 प्रतिशत रहा है, जो सितम्बर 2017से 01 प्रतिशत अधिक है।वित्तीय वर्ष 2017-18 में बैंकों द्वारा दिसम्बर 2017 की समाप्ति तक राज्य में कृषि क्षेत्र के अन्तर्गत कुल वितरित 5143.26 करोड़ रूपये में से 1659.65 करोड़ रूपये के ऋण कृषि क्षेत्र की एलाइड गतिविधियों के लिए बांटे गए।

साथ ही एमएसएमई सेक्टर के अंतर्गत दिसम्बर 2017 तिमाही की समाप्ति तक 2,93,528 इकाईयों को 15,546 करोड़ रूपये के ऋण वितरित किए गए है, जो सितम्बर 2017 त्रैमास की तुलना में 37 करोड़ रूपये अधिक हैं।किसानों की आय को वर्ष 2022 तक दोगुना करने के लक्ष्य को दृष्टिगत रखते हुए बैंकों से अपेक्षा की गयी है कि वे कृषि क्षेत्र और इससे जुड़ी गतिविधियों जैसे डेयरी, बकरी पालन, मुर्गी पालन, मधुमक्खी पालन, मछली पालन आदि के लिए अधिकाधिक वित्तपोषण करेंगे। बैंकों ने भरोसा दिलाया कि कृषि एवं एमएसएमई सेक्टर को बढ़ावा देने हेतु इन सेक्टर के अंतर्गत अधिक से अधिक ऋण वितरित किए जाएंगे।

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