अब इससे बनेगा बॉयो ऑयलः पेट्रोलियम कालेज का दावा, काम आएगी किट
जानकारी देते हुए कैमेस्ट्री विभाग में कार्यरत प्रोफेसर सपना जैन ने बताया कि पीपीई किट पल्यूमर का बना होता है। जिसे आम भाषा मे प्लास्टिक कहा जाता है।
देहरादून: जहां पूरी दुनिया में पीपीई किट बनाने की होड़ मची हुई है। पर इनके उपयोग के बाद इनको डिस्पोज कर दिया जाता है। इनको डिस्पोज करना बड़ी चुनोती है। सारी दुनिया इस समय इसके प्रोडक्शन में लगी है तो वहीं उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के एक कॉलेज ने इनको डिस्पोज करके उपयोग में लायी जाने वाली वस्तु बनाने का फॉर्मूला तैयार कर दिया है।
पेट्रोलियम कॉलेज का PPE किट से बायो ऑयल बनाने का दावा
एशिया के टॉप यूनिवर्सिटी में शुमार देहरादून के पेट्रोलियम कॉलेज के प्रशासन ने कोरोना में इस्तेमाल पीपीई किट को डिस्पोज कर बायो ऑयल बनाने का दावा किया है। यूनिवर्सिटी का कहना है कि बायो ऑयल बनाने का पूरा फार्मेट तैयार कर लिया गया है। और सरकार की अनुमति के बाद इसका प्रोडक्शन भी शुरू कर दिया जाएगा। इस फार्मूले के पेपर रिसर्च को पूरा किया जा चुका है। किस प्रकार से ये बनेगा इसका पूरा खाका तैयार किया जा चुका है।
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पूरी दुनिया इस वक्त वैश्विक महामारी कोरोना की चपेट में है। ऐसे में कई संस्थान कोरोना पर लगाम लगाने के लिए शोध कर रहे हैं तो कई कोरोना से बचाव के लिए तरह तरह के उपकरणों को बनाया जा रहा है। ऐसे में पेट्रोलियम यूनिवर्सिटीस का दावा है कि जिस पीपीई किट को डिस्पोज किया जाता है। उससे बायो ऑयल निकलना संभव है।
प्रोफेसर ने दी जानकारी
इस विषय में जानकारी देते हुए कैमेस्ट्री विभाग में कार्यरत प्रोफेसर सपना जैन ने बताया कि पीपीई किट पल्यूमर का बना होता है। जिसे आम भाषा मे प्लास्टिक कहा जाता है। जिसको वातावरण में गलने में काफी समय लगता है। तो हमने सोचा कि इस पोल्यूमर को किसी उपयोग में लाया जा सकता है।
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इसी को ध्यान में रखकर हमने एक प्रयास किया कि इन पीपीई किट को कैमिकल और थर्मल ट्रीटमेंट के द्वारा बायो ऑयल में बदल सकते हैं। और ये बायो ऑयल डीजल और पेट्रोल जैसा ही काम में लिया जा सकता है।
रिपोर्ट- अवनीश गुप्ता