Uttarakhand में खस्ताहाल मदरसे बनेंगे हाइटेक, सरकार ने बनाई कमेटी...कायाकल्प की तैयारी
Uttarakhand Madrasas News: उत्तराखंड में 1000 से अधिक मदरसे संचालित हैं। लेकिन, मदरसों में धार्मिक शिक्षा को लेकर कई बार सवाल उठते रहे हैं। धामी सरकार इसे हाईटेक बनाने जा रही।
Uttarakhand Madrasas News: भारतीय जनता पार्टी (BJP) शासित राज्य उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) सरकार मदरसों को हाईटेक बनाने जा रही है। सरकार ने इसके लिए एक कमेटी का गठन भी किया है। दरअसल, मदरसों पर धार्मिक शिक्षा के नाम पर क्या पढ़ाया जाता है, इसे लेकर लगातार सवाल खड़े होते रहे हैं। उम्मीद है कि, अन्य स्कूलों की तरह जब मदरसों को भी मुख्यधारा की शिक्षा-व्यवस्था से जोड़ा जाएगा तो बच्चों को उच्च गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल पाएगी। धामी सरकार इस दिशा में आगे बढ़ चली है।
'देवभूमि' में 1000 मदरसे संचालित
देवभूमि के नाम से विख्यात उत्तराखंड में 1000 से भी अधिक मदरसे संचालित हैं। समय-समय पर मदरसों में धार्मिक शिक्षा के नाम पर क्या कुछ पढ़ाया जाता है, इस पर लोगों की अलग-अलग राय है। वर्तमान समय में उत्तराखंड (Uttarakhand) में 419 मदरसे मदरसा बोर्ड (Madarsa Board) द्वारा चलाए जा रहे हैं। 103 मदरसे वक्फ बोर्ड (Waqf Board Madarsa) के हैं। जबकि तक़रीबन 500 मदरसे प्राइवेट हैं।
क्या कहा सरकार ने?
पुष्कर सिंह धामी सरकार ने अब मदरसों को हाईटेक बनाने और शिक्षा प्रणाली में सुधार लाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है। जिसके लिए लगातार काम हो रहे हैं। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री चंदन रामदास (Chandan Ram Das) ने विधानसभा में एक समीक्षा बैठक की। उन्होंने मीडिया को बताया कि, सरकार ने एक कमेटी का गठन किया है। ये कमेटी 1 महीने के भीतर मदरसों की जांच रिपोर्ट सौंपेगी।
मंत्री बोले- प्रदेश के बोगस मदरसे होंगे बंद
कैबिनेट मंत्री चंदन रामदास ने बताया कि, जितने बोगस मदरसे हैं उन्हें आने वाले समय में बंद कर दिया जाएगा। क्लास 1 से 8 तक चलने वाले मान्यता प्राप्त मदरसों को अब हाईटेक बनाया जाएगा। हाईटेक मदरसों (Hi-Tech Madrassas) में कंप्यूटर की व्यवस्था की जाएगी। साथ ही, उच्च तकनीकी शिक्षा और ड्रेस की व्यवस्था भी होगी। आपको बता दें, इन मदरसों को 'मॉडल' के रूप में दिखाया जाएगा।
सभी DM को मदरसे जांच के निर्देश
चंदन रामदास ने ये भी कहा, कि 'एक महीने पहले भी उत्तराखंड के सभी जिलों के जिलाधिकारियों (DM) को मदरसे की जांच के निर्देश दिए गए थे। मगर, अभी तक जिलाधिकारियों के पास से जांच रिपोर्ट नहीं प्राप्त हुई है। इसलिए मैंने एक विभागीय कमेटी का गठन किया है, जो महीने भर के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।'