मिर्गी उपचार के नाम पर नशीली दवाएं बांटने वाले डाक्टर को सजा

स्थित नीरज क्लीनिक के संचालक डॉ. आरके गुप्ता को कोर्ट ने मिर्गी रोग के इलाज के नाम पर नशीली दवाएं बांटने के आरोप में कुल साढ़े छह साल की सजा सुनाई है।

Update: 2017-12-21 15:07 GMT
मिर्गी उपचार के नाम पर नशीली दवाएं बांटने वाले डाक्टर को सजा

ऋषिकेश: यहाँ नीरज क्लीनिक के संचालक डॉ. आरके गुप्ता को कोर्ट ने मिर्गी रोग के इलाज के नाम पर नशीली दवाएं बांटने के आरोप में कुल साढ़े छह साल की सजा सुनाई है। अगस्त 2004 में गिरफ्तारी के दौरान गुप्ता को पुलिस से छुड़ाकर भगाने के आरोप में ऋषिकेश के कई जाने-माने लोगों समेत 14 अन्य को भी कोर्ट ने जेल की सजा सुनाई है। इसमें निवर्तमान पालिका अध्यक्ष दीप शर्मा भी शामिल हैं। बावजूद इसके नीरज क्लीनिक में मरीजों का उपचार जारी है।

सहायक अभियोजन अधिकारी यशदीप श्रीवास्तव ने बताया कि तीन अगस्त 2004 को ऋषिकेश पुलिस ने स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ नीरज क्लीनिक पर छापे मारी की थी। क्लीनिक का संचालन डा. आरके गुप्ता कर रहे थे। क्लीनिक में इलाज के नाम पर जो दवाएं बांटी जा रही थी, वह गलत थीं। पुलिस ने मौके से डा. आरके गुप्ता को हिरासत में लिया तो वहां भीड़ जमा हो गई। भीड़ में शामिल 14 आरोपियों ने मौके पर पुलिस को फर्द काटने से रोका। साथ ही डा. गुप्ता को पुलिस हिरासत से छुड़ाकर भगा दिया। इसके बाद उक्त 14 आरोपियों ने ऋषिकेश कोतवाली में भी बवाल किया था। इस मामले में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी विवेक द्विवेदी की अदालत ने गत दिवस फैसला सुनाया।

अदालत ने आरके गुप्ता को अलग-अलग धाराओं में दोषी पाते हुए कुल साढ़े छह वर्ष की सजा सुनाई है। जबकि अन्य 14 दोषियों को अलग-अलग धाराओं में सजा सुनाई है। सहायक अभियोजन अधिकारी ने बताया कि अदालत के फैसले के तहत दोषियों को सभी सजाएं अलग-अलग काटनी होंगी। जुर्माना अदा नहीं करने पर आरके गुप्ता को छह महीने और अन्य दोषियों को दो दो माह की अतिरिक्त सजा काटनी होगी। मुख्य आरोपी आर के गुप्ता को फर्जीवाड़े में पांच वर्ष की सजा और दस हजार रुपये जुर्माना, धारा 224 में एक वर्ष की सजा और एक हजार रुपये जुर्माना, द ड्रग एंड मैजिक रेमेडिज एक्ट में छह महीने की सजा और दस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई।

आरोपी को सभी सजाएं अलग-अलग काटनी होंगी। वहीं अस्पताल में गुप्ता के सहयोगी कृष्ण कुमार को कुल साढ़े पांच वर्ष की सजा और साढ़े नौ हजार रुपये का अर्थदंड लगाया गया है। गुप्ता को पुलिस हिरासत से छुड़ाने के आरोप में जयदत्त शर्मा, प्यारेलाल जुगरान, अरविंद शाह, डीएस रावत, राजकुमार अग्रवाल, स्नेहलता, अनिता वशिष्ठ, कविता शाह को अलग-अलग धाराओं में कुल पांच-पांच वर्ष की सजा और आठ-आठ हजार रुपये का अर्थदंड लगाया गया है। निवर्तमान ऋषिकेश पालिका अध्यक्ष दीप शर्मा के साथ ही अशोक अश्क, यशपाल सिंह पंवार, रवि कुमार जैन ,राहुल शर्मा को कुल चार-चार वर्ष की सजा और साढ़े छह-साढ़े छह हजार का जुर्माना लगाया गया है। गौरतलब है कि राज्य औषधि नियंत्रक के नेतृत्व में की गई छापेमारी में गलत दवाएं पकड़ी गई थीं।

सजा पाने वालों में दीप शर्मा निवर्तमान पालिकाध्यक्ष हैं। इन्हें काफी प्रभावशाली नेता माना जाता है। घटना के समय वह नगर पालिका अध्यक्ष थे। स् नेहलता शर्मा भी पूर्व पालिकाध्यक्ष हैं। वह भाजपा नेत्री रही हैं। अनिता वशिष्ठï कांग्रेस की नेता हैं और दर्जा प्राप्त मंत्री रह चुकी हैं। वह कई बार पार्षद भी रह चुकी हैं। ऐन चुनाव के पहले सजा से उनके करियर को भी झटका लगा है। कविता शाह पूर्व पालिका सभासद हैं। ये भी भाजपा से जुड़ी हैं। राहुल शर्मा कांग्रेस के सक्रिय कार्यकर्ता हैं। रवि जैन, प्यारे लाल जुगरान व अरविंद शाह भी पूर्व सभासद हैं।

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