Temple collapses in Joshimath: जोशीमठ में पहला मंदिर गिरा, हादसे का बड़ा संकेत, 600 मकानों में आई दरारें
Temple collapses in Joshimath: जोशीमठ के हिमालयी शहर के सिंगधार वार्ड में शुक्रवार शाम को भगवती मंदिर ढह गया, जिससे निवासियों को लगातार बड़ी आपदा का डर सता रहा है।
Temple collapses in Joshimath: उत्तराखंड के जोशीमठ शहर पर लंबे समय से खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। लगातार जमीन धंस रही है, जमीनों में आई दरारें बढ़ती जा रही है, अब लोग बेघर हो रहे हैं। इसी बीच जोशीमठ के हिमालयी शहर के सिंगधार वार्ड में शुक्रवार शाम को भगवती मंदिर ढह गया, जिससे निवासियों को लगातार बड़ी आपदा का डर सता रहा है। स्थानीय निवासियों के अनुसार, जब यह घटना हुई तो मंदिर के अंदर कोई नहीं था क्योंकि पिछले 15 दिनों में बड़ी दरारें आने के बाद इसे छोड़ दिया गया था।
600 से ज्यादा घरों में आई दरारें
आपदा प्रबंधन अधिकारियों ने कहा कि कई घरों में बड़ी दरारें आ गई हैं। अब तक 600 से ज्यादा घरों में दरारें आ गई हैं जो दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं। जिसके बाद करीब 50 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है। उनके अलावा, विष्णु प्रयाग जल विद्युत परियोजना के कर्मचारियों के लिए बनी कॉलोनी में रहने वाले 60 परिवारों को अन्यत्र स्थानांतरित कर दिया गया है। इसके अलावा चारधाम ऑल वेदर रोड (हेलंग-मारवाड़ी बाईपास) और एनटीपीसी की पनबिजली परियोजना जैसी मेगा परियोजनाओं से संबंधित सभी निर्माण गतिविधियों को निवासियों की मांग पर अगले आदेश तक रोक दिया गया है।
पिछले 1 साल से धंस रही जमीन
स्थानीय नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष ऋषि प्रसाद सती ने कहा कि औली रोपवे सेवा को भी इसके नीचे एक बड़ी दरार के बाद बंद कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि एक साल से भी अधिक समय से जमीन धंस रही है, लेकिन पिछले एक पखवाड़े में यह समस्या और भी गंभीर हो गई है। इस बीच, पुनर्वास की मांग को लेकर लोगों ने शुक्रवार को जोशीमठ के तहसील कार्यालय पर धरना दिया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में कहा कि समस्या के सभी पहलुओं का अध्ययन करने के लिए विशेषज्ञों की एक टीम जोशीमठ में डेरा डाले हुए है और शहर को बचाने के लिए सब कुछ किया जाएगा।
6 महीने तक प्रभावित परिवारों को किराया देगी सरकार
उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कल 5 जनवरी को अधिकारियों की हाईलेवल मीटिंग बुलाई थी। सीएम की बैठक के बाद जोशीमठ क्षेत्र के प्रभावितों के लिए जिला प्रशासन ने बड़ा फैसला लिया है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रशासन ने 6 महीने तक प्रभावित परिवारों को किराया देने का ऐलान किया। अधिकारियों के मुताबिक जिन लोगों के घर खतरे की जद में हैं या रहने योग्य नहीं है, उन्हें अगले 6 महीने तक किराए के मकान में रहने के लिए 4000 प्रति परिवार सहायता दी जाएगी। ये सहायता मुख्यमंत्री राहत कोष से प्रदान की जाएगी।