उत्तराखंड में तबाही : बादल फटने से बह गए मजदूरों के आशियाने, अगले 24 घंटे के लिए अलर्ट जारी

उत्तराखंड में तबाही : सोमवार की सुबह उत्तराखंड के चमौली में बादल फटने से तबाही मच गई है।

Newstrack :  Network
Published By :  Vidushi Mishra
Update:2021-09-20 15:19 IST

उत्तराखंड में बादल फटा (फोटो- ट्विटर)

उत्तराखंड में तबाही : उत्तराखंड में कुदरत का कहर कम होने का नाम ही ले रहा है। कभी भू-स्खलन, बाढ़, बारिश, भूकंप तो कभी बादल फटना (Cloudburst in Uttarakhand)। ऐसे में आज चमौली में बादल फटने से तबाही(Uttarakhand mein Tabahi) मची हुई है। बादल चमौली के पांगती गांव में फटा। इस घटना से मजदूरों की झोपड़ियां बह गई। गांव पूरा का पूरा जलमग्न हो गया। स्थानीय प्रशासन ने राहत-बचाव कार्य शुरू कर दिया। गांव में फंसे लोगों को निकालने का कार्य चल रहा है

चमोली में सोमवार की सुबह बादल फटने से आफत (Uttarakhand mein Tabahi) मच गई। यहां के नारायणबगड़ में सुबह के समय बादल फटने से सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के मजदूरों की लगभग सात झोपड़ियां देखते ही देखते पानी में समाते हुए बह गईं। आई बाढ़ से मजदूरों के 19 परिवार बेघर हो गए हैं। जबकि एक दुकान में मलबा घुस गया है।

भारी बारिश होने की उम्मीद

ताजा जानकारी के अनुसार, उत्तराखंड में मौसम ने एक बार फिर तेजी से करवट बदली है। ऐसे में अगले 24 घंटे में देहरादून, पौड़ी, नैनीताल, अल्मोड़ा और पिथौरागढ़ आदि में तेज गरज के साथ भारी बारिश होने की उम्मीद जताई जा रही है।

राज्य में मौसम विभाग ने येलो अलर्ट भी जारी कर दिया गया है। वहीं राजधानी दून व आसपास के क्षेत्रों में एक या दो दौर की भारी बारिश होने की भी संभावनाएं हैं। इस हालातों के बनने से मौसम विभाग के अलर्ट के बाद देहरादून जिलाधिकारी डॉ. आर राजेश कुमार ने आपदा प्रबंधन से जुड़े सभी विभागों के अधिकारियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं।

बादल फटने की घटना पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने संज्ञान लेते हुए कहा कहा – चमोली जिले में बादल फटने की दु:खद सूचना मिली है. स्थानीय प्रशासन राहत व बचाव कार्य में लगा हुआ है. मैं बाबा केदार से सभी की कुशलता की कामना करता हूं।

इस बारे में मिली जानकारी के अनुसार, सोमवार सुबह नारायणबगड़ के पंती कस्बे के ऊपरी भाग में करीब 6 बजे बादल फटने से मंगरीगाड़ में आई बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है।

बादल फटने से तबाही (फोटो- सोशल मीडिया)

हाईवे बंद

इस घटना से गधेरे (बरसाती नाले) के उमड़ने से कर्णप्रयाग-ग्वालदम हाईवे के किनारे बीआरओ के मजदूरों की झोपड़ियां बह गईं। लेकिन मजदूरों के परिवारों और स्थानीय लोगों ने तत्परता दिखाते हुए सभी बच्चों और महिलाओं को सैलाब से बचा लिया। बताया जा रहा कि ये सभी मजदूर नेपाल और झारखंड के रहने वाले हैं। वहीं मलबे की वजह से कर्णप्रयाग-ग्वालदम हाईवे बंद हो गया है, जिसे खोलने के प्रयास लगातार किया जा रहा हैं।

मौजूद लोगों ने हालातों के बारे में बताया कई दोपहिया वाहन व कार भी मलबे में दबे हुए हैं। ऐसे में प्रशासन मौके पर पहुंच गया है। फिलहाल राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है। 

वहीं जिले के आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदकिशोर जोशी ने बताया कि घटना में जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ है। कर्णप्रयाग-ग्वालदम हाईवे को खोलने का काम शुरू कर दिया गया है। प्रशासन की टीम मौके पर पहुंच गई है। जिला प्रशासन के मुताबिक अभी तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।


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