Uttarakhand: सुरकंडा देवी में बड़ा हादसा टला, रोपवे ट्रॉलियों में हवा में लटके विधायक समेत 70 लोग, देखें VIDEO

Uttarakhand: टिहरी में आज उस समय बड़ा हादसा टल गया, जब भाजपा के विधायक समेत लगभग 60 से 70 लोग रोपवे ट्राली में खराबी आ जाने से हवा में लटक गए।

Newstrack :  Ramkrishna Vajpei
Update:2022-07-10 18:42 IST

रोपवे ट्राली। (Social Media)

Uttarakhand: अभी अमरनाथ यात्रा में हुई त्रासदी से लोग उबर भी नहीं पाए थे कि देवभूमि उत्तराखंड के टिहरी (Tehri of Uttarakhand) में आज उस समय बड़ा हादसा टल गया, जब भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायक समेत लगभग 60 से 70 लोग रोपवे ट्राली (ropeway trolley) में खराबी आ जाने से हवा में लटक गए।

सुरकंडा देवी के दर्शन करके लौट रहे थे ये लोग

बताया जा रहा है कि यह लोग सुरकंडा देवी के दर्शन (darshan of surkanda devi) करके लौट रहे थे तभी रोपवे पर उनकी ट्राली रास्ते में फंस गई और सभी लोग बीच रास्ते में लटक गए। जानकारी के मुताबिक ट्राली करीब 35 से 40 मिनट तक फंसी रही। ट्राली न तो आगे बढ़ रही थी और न ही पीछे जा रही थी। इस दौरान करीब 60 से 70 लोग ट्राली में फंसे रहे। जिसमें भाजपा विधायक किशोर उपाध्याय (BJP MLA Kishor Upadhyay) भी शामिल थे।

तकनीकी खराबी से रोपवे में ट्राली अटक जाने से मचा हड़कंप

जानकारी के मुताबिक तकनीकी खराबी से रोपवे में ट्राली अटक जाने से हड़कंप मच गया और आनन-फानन में तकनीकी खामी का पता लगा कर उसे दुरुस्त किया गया और इसे दुरुस्त करने के बाद एक बार फिर से चालू किया गया तब जाकर हवा में लगभग 1 घंटे तक लटके रहने के बाद लोगों को राहत मिली और उन्हें सुरक्षित उतार लिया गया। आपको बता दें कि इससे पहले भी यह रोपवे की ट्राली दो बार तकनीकी खराबी के चलते रास्ते में अटक चुकी है।

आपको बता दें कि सुरकंडा देवी रोपवे की शुरुआत मई में की गई थी। इसे 32 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया था जिसमें 16 डिब्बे लगाए गए हैं। एक डिब्बे में छह लोग सफर कर सकते हैं। रोपवे बनने के बाद कद्दूखाल से मंदिर तक डेढ़ किमी की पैदल चढ़ाई से लोगों को राहत मिल गयी है। 523 मीटर लंबे रोपवे से लोग 5 से दस मिनट में मंदिर पहुंच जाते हैं।

मां सुरकंडा देवी मंदिर जाने के लिए सबसे नजदीक रेलवे स्टेशन ऋषिकेश, हरिद्वार व देहरादून में है। सड़क मार्ग से मां सुरकंडा मंदिर पहुंचने के लिए हर जगह से वाहनों की सुविधा है। देहरादून से वाया मसूरी होते हुए 73 किमी दूरी तय कर कद्दूखाल पहुंचना पड़ता है। यहां से दो किमी पैदल दूरी तय कर मंदिर पहुंचा जा सकता है। जबकि ऋषिकेश से वाया चंबा होते हुए 82 किमी की दूरी तय कर भी यहां पहुंचा जा सकता है। यहां यात्रियों के ठहरने के लिए धर्मशालाओं की सुविधा है।

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